Success story : ये युवा किसान है मिसाल, कभी मजदूरी करके परिवार चलाने को थे मजबूर, आज करोड़ों का है बिजनेस

Success story : ये युवा किसान है मिसाल, कभी मजदूरी करके परिवार चलाने को थे मजबूर, आज करोड़ों का है बिजनेस

बेरोजगारी और बड़े पैकेज वाली सैलरी का रोना रोने वालों के लिए दसवीं पास जिला सांगली महाराष्ट्र के बामणी गांव के रहने वाले तेजस लेंगरे एक मिसाल हैं. साल 1999 में दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद परिवार की माली हालत ठीक ना होने के कारण तेजस ने आगे पढ़ने की जगह खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया. गोट का बिजनेस करके आजकल वह हर महीने लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.

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Success story : ये युवा किसान है मिसाल, कभी मजदूरी करके परिवार चलाने को थे मजबूर, आज करोड़ों का है बिजनेस मिसाल है इस युवा किसान की कहानी

सब कुछ पाने की चाहत में ज्यादातर युवा गांव से शहरों का रुख करते रहे हैं. अच्छी-खासी पढ़ाई कर चुके युवाओं को ये लगता है कि इतनी पढ़ाई के बाद उनके जीवनयापन का एकमात्र ज़रिया एक अच्छी सी नौकरी ही है और इसलिए आज बेरोजगारी और बड़े पैकेज वाली सैलरी का रोना रोने वालों के लिए दसवीं पास जिला सांगली महाराष्ट्र के बामणी गांव के रहने वाले तेजस लेंगरे एक मिसाल हैं. जिन्होनें साल 1999 में दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद परिवार की माली हालत ठीक ना होने के कारण आगे पढ़ने की जगह खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया. गोट का बिजनेस करके आज के समय में हर महीने लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.

तेजस ने हिम्मत नहीं हारी

बड़ा बनने की मंशा लेकर तेजस लेंगरे ने सबसे पहले एक ऑटो ट्रांसपोर्ट का काम शुरू किया और यहीं से उनकी किस्मत पलट गई. तकरीबन एक साल तक अपने ऑटो में बकरे ढोने वाले तेजस को बकरा फार्म खोलने का आइडिया आया. उनके पास बिजनेस शुरू करने के लिए पैसे नहीं थे. घरवालों की माली हालत भी इतनी अच्छी नहीं थी,..कि वो एक मुश्त 20-25 हजार रुपए बिजनेस के लिए तेजस को दे सकें. तेजस ने हिम्मत नहीं हारी और कुछ पैसे उधार लेकर अफ्रीकन बोअर प्रजाति के दो बकरे खरीदे और अपने घर के पास एक शेड लगाकर 'महाकाली बकरा फार्म' शुरू कर दिया.

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विदेशी गोट, बरसाये नोट

तेजस के बकरी फार्म में अफ्रीकन बोअर नस्ल के 350 से ज्यादा बकरे-बकरियां हैं, प्रत्येक बकरे का वजन साढ़े तीन महीने में 20 किलो तक पहुंच जाता है. उसके बाद ही बकरों को बेचा जाता है. हर साल वह अफ्रीकन बोअर की 100 बकरियां और बकरे बेचते है. जिससे उन्हें 50 से 60 लाख रुपए की आमदनी होती है .इसके अलावा वह पंजाब की बीटल बकरी का भी पालन कर रहे हैं. इसका मुनाफा भी लाखों में है. तेजस के फार्म पर पाली जाने वाली अफ्रीकन बोअर प्रजाति के 100 बकरों का वजन साल भर में 120 से 150 किलो तक हो जाता है. बकरीद के दौरान इन बकरों की बिक्री 1 लाख  से  लेकर 1 लाख 25 हजार रुपए तक में हो जाती है.

गोट फार्मिंग का गणित

तेजस बताते हैं कि एक बकरी 16 महीनें में 4 बच्चे देती है. 1 बकरे या बकरी को साढ़े तीन महीने में 20 किलो का तैयार करके 2000 से 1500 रुपए किलो के हिसाब से एक बकरी को चालीस हजार और बकरे को 30 हजार में बेचते हैं. एक बकरी और एक बकरे का पालने पर खर्च हजार से लेकर पन्द्रह सौ रुपए का आता है. इस तरह बकरियों से 30 से 35 हजार और बकरों से 25 हजार का मुनाफ़ा मिल जाता है.

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बकरियों को मिलती है खास व्यवस्था

तेजस अपनी बकरी फार्म को खास ट्रीटमेंट देते हैं. उन्हें दिन में तीन बार खाने के लिए घास दी जाती है. वजन बढ़ने के लिए प्रोटिन पाउडर को पानी में मिलाकर दिया जाता है. हर 21 दिनों के बाद बीमारियों से बचने के लिए इन्हें दवा और इंजेक्शन लगाए जाते हैं. फार्म में दुर्गन्ध कम करने के लिए खास तरह की घांस बिछाई गई है.

गोट फार्मिंग की तकनीक

हालांकि इस तरह की बंपर आय के लिए तेजस आधुनिक तकनीक अपनाते हैं. उनके फार्म पर बड़ी बकरियों, मेल और छोटे मेमने के लिए अलग-अलग बाड़े बने हुए हैं.जहां बच्चों के लिए औसतन 5 वर्गफीट तो बड़े के लिए 10 वर्गफीट के हिसाब से जगह रखी गई है.बकरे बेचने के लिए तेजस को मार्केट की ज़रूरत कभी नहीं पड़ी. व्यापारी और बकरी पालन शुरू करने वाले लोग इनके फार्म पर पहुंचकर बकरे खरीदते हैं. कभी-कभी ग्राहकों को महीनों तक इंतजार भी करना पड़ता है.

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खाद और मुर्गी पालन ने बढ़ाई इनकम

अभी तेजस लेगरे ने अपने व्यवसाय को बढ़ाते हुए बकरियों का कम्पोस्ट खाद बनाकर बेचते हे और एक एकड़ फार्म में जिसमे बकरियों का चारा उगाते है उसमें देशी मुर्गियों का पालन करते है जो पांच से 6 महीने में  देशी मुर्गियों.1.5 से 2 किलों की तैयार हो जाती है उसको  500 रूपये किलो के हिसाब से बेचते है . इससे उनको अतिरिक्त आदमनी हौ जाती है . 

तेजस से सीखने की जरूरत 

तेजस लेंगरे की कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि आपके पास पढ़ाई की उच्च डिग्री न होने के बावजूद आप अपने जीवन में सफल हो सकते हैं, अगर आप मेहनत, संघर्ष और नई तकनीकों का सही तरीके से उपयोग करते हैं यह भी दिखाता है कि ग्राहक की मांगों और जरूरतों के साथ साथ उनके सामृद्धि और विकास के लिए नई उत्पादों और सेवाओं की खोज करना  अहम हो सकता है।तेजस लेंगरे के उद्यमिता और साहस की प्रशंसा की जानी चाहिए, और वे दूसरों के लिए भी प्रेरणा स्रोत हो सकते हैं उनकी कड़ी मेहनत, तकनीकी ज्ञान, और सावधानी की वजह से उन्होंने अपने व्यवसाय को सफल बनाया है.

 

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