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कश्मीर की शाजिया किसानों के लिए बनीं मिसाल, इनोवेटिव फार्मिंग से कमा रही हैं 30 लाख रुपये

कश्मीर की शाजिया किसानों के लिए बनीं मिसाल, इनोवेटिव फार्मिंग से कमा रही हैं 30 लाख रुपये

शाजिया लतीफ का कहना है कि उनके पूर्वज जब खेती करते थे, उस दौरान वे मात्र पांच लाख रुपये सालाना कमा पाते थे. लेकिन उन्होंने इनोवेटिव तरीके से खेती करना शुरू किया और आज वे सालाना 30 लाख रुपये कमा रही हैं. शाजिया लतीफ की इनोवेटिव फार्मिंग के चर्चे पूरे कश्मीर में हो रहे हैं.

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शाजिया किसानों के लिए बनीं मिसाल शाजिया किसानों के लिए बनीं मिसाल

दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले की रहने वाली शाज़िया लतीफ ने पारंपरिक खेती की जगह इनोवेटिव फार्मिंग करना शुरू किया और आज वे सालाना लाखों रुपये कमा रही हैं. खेती करने के साथ ही शाजिया ने अपने फार्म में अनोखी प्रजाति के पक्षी भी इकट्ठे किए हैं, जिसमें दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पक्षी इमो भी शामिल है. इसके अलावा शाजिया कई सब्जियां और फल भी उगाती है. आइए जानते हैं शाजिया की कहानी.

वकील से किसान बनीं शाजिया

शाजिया लतीफ का कहना है कि उनके पूर्वज जब खेती करते थे, उस दौरान वे मात्र पांच लाख रुपये सालाना कमा पाते थे. लेकिन उन्होंने इनोवेटिव तरीके से खेती करना शुरू किया और आज वे सालाना 30 लाख रुपये कमा रही हैं. शाजिया लतीफ की इनोवेटिव फार्मिंग के चर्चे पूरे कश्मीर में हो रहे हैं. उनकी खेती हो रही कमाई को देखते हुए लोग दूर-दूर से उनसे पशुपालन और प्रोग्रेसिव इनोवेटिव फार्मिंग के तरीके सीखने आते हैं. वहीं ,कई सारे पढ़े-लिखे युवाओं ने शाजिया के काम से प्रभावित होकर इनोवेटिव फार्मिंग शुरू की है. आपको बता दें कि शाजिया लतीफ़ किसान बनने से पहले एक वकील थीं.

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शाजिया ने कब शुरू की खेती

शाजिया ने बताया कि जब महामारी के दौरान पूरी दुनिया ने अपने शटर गिरा दिए और परेशान थे तो उन्हें एहसास हुआ कि इसका असर उनके परिवार पर नहीं पड़ा. ऐसा इसलिए की जब कई लोग कोरोना काल में खाने को मोहताज थे, तब उनके पास खाने का बहुत सामान था क्योंकि उनके पति का परिवार खेती करता है. पोल्ट्री, डेयरी, सब्जियां, मछली, फल सभी घर पर उगाए जाते हैं, इसलिए उन्हें किसी चीज की कमी नहीं हुई थी. इसी चीज ने शाजिया को खेती करने के लिए प्रेरित किया.

स्थानीय लोगों को देती हैं रोजगार 

आज शाजिया लतीफ पारंपरिक और विदेशी दोनों प्रकार की सब्जियां उगाती हैं. साथ ही अन्य स्थानीय लोगों को रोजगार भी प्रदान करती हैं. उनका खेत अन्य किसानों के लिए एक ट्रेनिंग सेंटर बन गया है, वे वहां नवीन और एकीकृत कृषि तकनीकों के बारे में सीखने आते हैं. खेती के अलावा शाजिया पशुपालन भी करती हैं. उनके खेत में कई तरह के पशु और पक्षी हैं. पशुपालन से भी शाजिया को काफी मुनाफा होता है.