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माता-पिता की सेवा के लिए छोड़ी सेना की नौकरी, अब खेती से हर महीने कमाते हैं 50 हजार रुपये

माता-पिता की सेवा के लिए छोड़ी सेना की नौकरी, अब खेती से हर महीने कमाते हैं 50 हजार रुपये

राहुल ने इंडिया टुडे को बताया कि मेरे माता-पिता दोनों कैंसर से पीड़ित हैं और यह बीमारी भारत में दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. राहुल ने यह भी बताया कि आज किसान अधिक मात्रा में उर्वरक और कीटनाशकों का उपयोग करते हैं. जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है और आज किसान सिंचाई के लिए नदी के पानी का उपयोग करते हैं.

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केले की खेती से कमा रहे मुनाफा केले की खेती से कमा रहे मुनाफा

आज हम उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से राहुल नाम के एक पूर्व सैनिक की कहानी लेकर आए हैं, जो 2020 में रिटायरमेंट (VRS) लेकर वापस अपने घर लौट आता है. 'इंडिया टुडे' ने राहुल से पूछा कि सेना से पहले रिटायर होने के पीछे क्या कारण है? राहुल ने इंडिया टुडे को बताया, जब मैं सेना में था, तब मुझे पता चला कि मेरे माता-पिता दोनों कैंसर से पीड़ित हैं और किसान दिन-ब-दिन आत्महत्या कर रहे हैं. उसी समय मैंने बीआरएस लेने का निर्णय लिया और वापस आ गया. राहुल बताते हैं वापस घर आकर वह अपने माता-पिता की सेवा करते हैं और साथ ही जैविक खेती से हर महीने 50000 रुपये भी कमा रहे हैं. कमाई के साथ-साथ राहुल देश के अलग-अलग जगह पर जाकर किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं.

राहुल जैविक खेती को दे रहे बढ़ावा

राहुल ने इंडिया टुडे को बताया कि मेरे माता-पिता दोनों कैंसर से पीड़ित हैं और यह बीमारी भारत में दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. राहुल ने यह भी बताया कि आज किसान अधिक मात्रा में उर्वरक और कीटनाशकों का उपयोग करते हैं. जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है और आज किसान सिंचाई के लिए नदी के पानी का उपयोग करते हैं. जिसमें फैक्ट्री का बचा गन्दा पानी और घर से निकलने वाला प्रदूषित पानी का होना आम बात सी हो गई है. यह प्रदूषित पानी सब्जियों के पौधों और फसलों द्वारा सोख लिया जाता है और अंत में ये सब्जियां और फसलें हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती हैं. यही कारण है कि आज भारतीयों में कैंसर जैसी बीमारी आम हो गई है. इसलिए मेरा उद्देश्य जैविक खेती को बढ़ावा देना है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी शुद्ध भोजन ग्रहण कर सके. 

केले की जैविक खेती
केले की जैविक खेती

जैविक तरीके से कर रहे केले की खेती

राहुल ने इंडिया टुडे को बताया, मैंने 3 एकड़ जमीन पर 3500 केले के पौधे लगाए हैं और 5 एकड़ जमीन पर जैविक तरीके से गन्ना भी उगाया है. केले का प्रत्येक पौधा एक सीजन में लगभग 24 किलो केला देता है. आज जब राहुल से पूछा गया कि क्या जैविक तरीके से केला उगाना आर्थिक रूप से फायदेमंद है या नहीं? राहुल ने बताया कि वह जैविक केले बेचकर प्रति माह 50 से 55 हजार रुपये कमा लेते हैं.

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खेतों में करते हैं ड्रिप सिंचाई का इस्तेमाल

राहुल ने अपने खेत में ड्रिप सिंचाई का भी उपयोग किया है. राहुल ने कहा कि हमने अपने खेत में ड्रिप सिंचाई का उपयोग किया क्योंकि ड्रिप सिंचाई की इस तकनीक के कारण, हम बहुत सारा पानी बचाते हैं और राहुल ने यह भी कहा कि ड्रिप सिंचाई सबसे कुशल और सफल तरीका है. ड्रिप सिंचाई खेत में अत्यधिक पानी भरने से रोकती है, यह टाइमर के साथ पूरी तरह से स्वचालित है और निराई को भी कम करती है.

भारत भ्रमण के पीछे क्या है राहुल का मकसद

राहुल ने इंडिया टुडे को बताया कि उन्होंने पिछले महीने फास्ट टैग शुल्क पर 11000 रुपये खर्च किए क्योंकि उन्होंने किसानों को जैविक खेती के लाभों के बारे में सिखाने और उन्हें जैविक खेती पर स्विच करने में मदद करने के लिए पूरे भारत में प्रवास किया. यह जो खर्च आपको 11000 हमने बताया है यह केवल एक महीने का है. उनका अपना यूट्यूब चैनल भी है जहां वह अपनी सामग्री अपलोड करते हैं. जहां वह बताते हैं कि आप जैविक खेती कैसे शुरू करें और अपनी फसल उगाने के लिए कीटनाशकों और रासायनिक अप्राकृतिक उर्वरकों का प्रयोग कम से कम कर सके.

केले की खेती से कमा रहे मुनाफा
केले की खेती से कमा रहे मुनाफा

क्या है बिजनौर की समस्या?

राहुल बताते हैं कि भले ही वह जैविक खेती कर रहे हैं, लेकिन उनके पास जैविक खेती द्वारा केले की फसल के लिए सही दाम इलाके में नहीं मिल पा रहा है. जब इंडिया टुडे ने उनसे पूछा कि, आप इस केले को एक्सपोर्ट क्यों नहीं करते? राहुल ने इंडिया टुडे को बताया, एक्सपोर्टर आने के लिए तैयार है, लेकिन हमारे पास पर्याप्त मात्रा में जैविक खेती द्वारा पैदा हुए केले की जो क्वांटिटी है वह पर्याप्त नहीं है, एक्सपोर्टर को क्वांटिटी चाहिए. जिले में अभी भी अधिकतर लोग जैविक खेती को अपना नहीं पाए हैं, जिससे क्षेत्र में इतनी पैदावार नहीं हो पाती जो हम सब मिलकर एक्सपोर्ट कर सके. इसलिए हमें मजबूरन अपना ऑर्गेनिक केला इस भाव में बेचना पड़ता है जिस भाव में आम केला बिक रहा है, अभी जैविक खेती को लेकर ग्राहकों में भी कम जागरूकता है.