लीची का मौसम आते ही लोगों को मुजफ्फरपुर के लीची याद आती है. इसका स्वाद कई लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. अपने इसी स्वाद की वजह से मुजफ्फरपुर की शाही लीची सिर्फ देश में ही नहीं विदेशों में भी काफी मशहूर है और इसकी काफी डिमांड है. इस लीची की खासियत यह है कि इसके मिठास के साथ-साथ यह अन्य लीची की अपेक्षा काफी ज्यादा गुद्देदार भी होता है. इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर की पहचान शाही लीची ने एक उपलब्धि दर्ज की है.अब भारतीय डाक विभाग ने मुजफ्फरपुर की शाही लीची पर डाक टिकट जारी किया है. 15 फरवरी को नई दिल्ली के डाक विभाग के कार्यालय में आयोजित समारोह में लीची की तस्वीर वाला डाक टिकट जारी किया गया.
लीची से पहले भी भारतीय डाक विभाग ने फलों पर डाक टिकट जारी किए हैं. इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर की पहचान शाही लीची आठवां फल है. मसलन डाक विभाग ने देश के जिस 8वें फल पर डाक टिकट जारी किया है. वह मुजफ्फरपुर की पहचान शाही लीची है. डाक विभाग के इस पहल से लीची के किसान और कारोबारियों में काफी खुशी है. डाक विभाग के इस नई पहल से लीची कारोबारी और किसान लीची के कारोबार में बढ़ोतरी का अनुमान जता रहे हैं.
उत्तम गुणवत्ता वाली मुजफ्फरपुर की शाही लीची की कई खास विशेषताएं हैं. ये अपने अनूठी खुशबू और अत्यधिक रसीली होने के कारण यह अन्य किस्मों से काफी जुदा है. इसका बीज भी लीची के अन्य किस्मों के बीज से छोटा होता है. शाही लीची को 2 साल पहले ही जीआई टैग मिल गया है.
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मुजफ्फरपुर में अधिक मात्रा में लीची के उत्पादन होने के कारण इस जिले को शाही लीची की राजधानी कहा जाता है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के प्रधान वैज्ञानिक और देश के जाने माने फल विशेषज्ञ एसके सिंह के अनुसार मुजफ्फरपुर में उगाई जाने वाली विभिन्न किस्मों में लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा शाही लीची का है. इस वजह से मुजफ्फरपुर को शाही लीची की राजधानी कहा जाता है.
बिहार के मुजफ्फरपुर के साथ ही शाही लीची की बड़ी संख्या में पैदावार झारखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के तराई वाले इलाके हैं. जहां शाही लीची की खेती की जाती है.
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