सुल्तानपुर की रजनी बाला ने सरकारी योजना की सहायता से शुरू किया बिजनेस, जानें सफलता की कहानी

सुल्तानपुर की रजनी बाला ने सरकारी योजना की सहायता से शुरू किया बिजनेस, जानें सफलता की कहानी

Success Story: रजनी बाला आज कई ग्रामीण महिलाओं को बिजनेस करने के लिए प्रेरित कर रही हैं. वे अपनी मूंज क्राफ्ट में लोगों को रोजगार भी दे रही हैं. और अच्छी कमाई भी कर रही हैं. रजनी ने अपने मेहनत और लगन सफलता का मुकाम हासिल किया है.

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सुल्तानपुर की रजनी बाला ने सरकारी योजना की सहायता से शुरू किया बिजनेस, जानें सफलता की कहानीसुल्तानपुर जिले के हरकपुर गांव की रजनी बाला

महिलाएं आजकल हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. योगी सरकार भी महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रही है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) ने प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी बदल दी है. इन योजनाओं के तहत सरकारी सहायता प्राप्त कर कई महिलाओं ने अपना बिजनेस खड़ा किया. इससे वे न केवल आत्मनिर्भर बने, बल्कि अच्छी कमाई भी कर रही हैं. वहीं एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत सुल्तानपुर के पारंपरिक उत्पादों (हस्तशिल्प, कृषि आधारित सामग्री और स्थानीय उद्योगों) को बढ़ावा मिल रहा है.

'एक जिला एक उत्पाद' योजना से बदली जिंदगी

सरकारी योजनाओं के कारण कई लोग अब अपने बिजनेस शुरू करने के सपने को पूरा कर रहे हैं. ऐसा ही कुछ सुल्तानपुर की रजनी बाला ने भी किया. सुल्तानपुर जिले के कुड़वार कस्बे के हरकपुर गांव की रजनी बाला ने सरकार की 'एक जिला एक उत्पाद' योजना से आज उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है. उन्होंने बताया कि योजना से जुड़कर वह हर माह 40 से 45 हजार रुपये प्रतिमाह कमा रही हैं. वह मूंज क्राफ्ट से जुड़ी हुई हैं. आज मूंज से सिकौला, पेटरिया, मौनी और बहुत से सजावटी सामान बनाने के लिए महिलाओं को भी जोड़ा है. वे बाजार में ही एक ब्यूटी पार्लर में व्यवसाय भी करती हैं.

महिलाओं के लिए प्रेरणा

रजनी बाला आज कई ग्रामीण महिलाओं को बिजनेस करने के लिए प्रेरित कर रही हैं. वे अपनी मूंज क्राफ्ट में लोगों को रोजगार भी दे रही हैं. और अच्छी कमाई भी कर रही हैं. रजनी ने अपने मेहनत और लगन सफलता का मुकाम हासिल किया है.

कारीगरों व शिल्पकारों को मिलती है टूलकिट

बता दें कि एक जिला एक उत्पाद योजना में प्रत्येक जिले के पारंपरिक या विशेष उत्पाद को बढ़ावा दिया जाता है. ओडीओपी ट्रेनिंग कारीगरों और शिल्पकारों को स्किल डेवलपमेंट देती है. वहीं टूलकिट वितरण से पहले 10 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है. प्रशिक्षण में उत्पादन कौशल, उद्यमिता विकास आदि शामिल होते हैं.

सरकार की योजनाओं का दिख रहा साफ असर- नेहा सिंह

सुल्तानपुर उपायुक्त उद्योग नेहा सिंह ने बताया कि सरकार की ये योजनाएं पूरे प्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ रही हैं. राज्य स्तर पर अब तक लाखों युवाओं को करोड़ों रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है. सुल्तानपुर में भी इनका असर साफ दिख रहा है. उन्होंने बताया कि कभी बेरोजगारी से जूझ रहे युवा अब आत्मविश्वास से भरकर सपनों को साकार कर रहे हैं. सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक युवा इन योजनाओं से जुड़ें और प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएं. 

नेहा सिंह ने आगे बताया कि विभाग द्वारा युवाओं को आवेदन करने और लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इन सफल युवाओं की कहानियां अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं. वहीं सरकार की ये पहल सुल्तानपुर सहित पूरे उत्तर प्रदेश के युवाओं की किस्मत चमका रही है.

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