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Special Report: आलू के बाद अब रेगिस्तान में उग रहे तरबूज, CCTV से खेतों की निगरानी

Special Report: आलू के बाद अब रेगिस्तान में उग रहे तरबूज, CCTV से खेतों की निगरानी

राजस्थान के रेगिस्तानी जिले बाड़मेर के तारातरा गांव में प्रगतिशील युवा किसान विक्रम सिंह राठौड़ ने पहले मैककेन कंपनी से करार कर बंजर जमीन को उपजाऊ कर आलू उगाए. अब विक्रम ने इन्हीं खेतों में तरबूज उगा दिए हैं, जो रेगिस्तानी जिले में काफी नई तरह की फसल है.

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बाड़मेर जिले के तारातरा गांव में प्रगतिशील किसान विक्रम ने 60 बीघा में तरबूज बोया है. फोटो- Vikram Sing Rathore बाड़मेर जिले के तारातरा गांव में प्रगतिशील किसान विक्रम ने 60 बीघा में तरबूज बोया है. फोटो- Vikram Sing Rathore

रेगिस्तानी बंजर जमीन पर मैककेन कंपनी के लिए आलू पैदा करने के बाद बाड़मेर के युवा किसान विक्रम ने एक और कमाल कर दिया है. अब वे अपने खेतों में तरबूज की खेती कर रहे हैं. खेती में इनोवेशन के लिए मशहूर हो चुके विक्रम ने तरबूज की तीन लाख बेल लगाई हैं. इस बार इन्होंने 60 बीघा में तरबूज बोये हैं. युवा किसान ने खेती में नवाचार के साथ-साथ तकनीक का भी सहारा लिया है. उन्होंने अपने खेतों के चारों तरफ सीसीटीवी लगवाए हैं, जिससे खेतों की रात में भी सुरक्षा हो रही है. उगाई गई फसल में अब फल आने लगे हैं. इस तरबूज की किस्म का नाम आइस बॉक्स है. 

एक तरबूज का वजन साढ़े तीन किलो तक

विक्रम किसान तक को बताते हैं, “करीब दो महीने पहले उन्होंने तरबूज की तीन लाख बेल 60 बीघा खेत में लगाई थीं. इसमें अब फल आने लगे हैं. एक तरबूज का वजन दो से साढ़े तीन किलो के बीच में है. फल का नाम आइस बॉक्स है.” विक्रम आगे कहते हैं, “तरबूज की फसल में हमें प्रति एक एकड़ में करीब 20 टन उत्पादन की उम्मीद है. इस तरह 60 बीघा में करीब 450-500 टन तरबूज का उत्पादन होगा.”

खेतों की सुरक्षा सीसीटीवी कैमरों से

विक्रम ने खेती में नवाचार के साथ-साथ तकनीकी का भी भरपूर इस्तेमाल किया है. उन्होंने खेतों की सुरक्षा के लिए चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं. इससे वहां किसी भी तरह की चोरी की संभावना खत्म हो गई है. इसके अलावा विक्रम ने अपने खेतों के लिए नई तकनीक के उपकरण मंगाए हैं. 

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बंजर खेती और पहाड़ से घिरा हुआ है तारातरा गांव

विक्रम राजस्थान के रेगिस्तानी जिले बाड़मेर के तारातरा गांव के रहने वाले हैं. तारातरा गांव तीन तरफ से अरावली की पहाड़ियों से घिरा हुआ है. साथ ही उनकी खेती बरसों से बंजर पड़ी थी. लेकिन किसान विक्रम ने दो-ढाई साल की कड़ी मेहनत से इसे उपजाऊ बना दिया. इसी जमीन से उन्होंने इस साल आलू और फिर जौ की फसल भी ली है.

रेगिस्तान में आलू उगाने वाले पहले किसान हैं विक्रम

विक्रम सिंह रेगिस्तान में आलू की खेती करने वाले पहले किसान हैं. उन्होंने दुनियाभर में फ्रेंच फ्राइज के लिए मशहूर कंपनी मैककेन से करार किया था. 25 एकड़ में उन्होंने तीन किस्म का आलू उगाया था. इससे उन्होंने करीब 350 टन आलू का उत्पादन लिया था और लाखों रुपये की आय की थी.

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विक्रम इससे पहले विक्रम ने कई जगहों पर नौकरी की, लेकिन कहीं भी सफलता नहीं मिली तो उन्होंने अपने बुजुर्गों की खेती को करने की ठान ली. कड़ी मेहनत, नवाचार और तकनीक की मदद से आज विक्रम एक सफल किसान हैं. 

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