देश में कोरोना महामारी के बाद सबसे ज्यादा कृषि क्षेत्र में परिवर्तन आया. अब तेजी से पढ़े-लिखे युवा भी कृषि में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. अलीगढ़ जनपद के रहने वाले ऐसे ही एक युवा सतीश तोमर ने कोरोना काल के दौरान अच्छी खासी फार्मा की नौकरी को छोड़कर उन्होंने अपनी परंपरागत जमीन पर कांट्रैक्ट फार्मिंग शुरू की. आज वो कांट्रैक्ट फार्मिंग की मदद से 25 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अलग-अलग तरह की फसलों का उत्पादन कर रहे हैं. शुरुआत में उनका टर्नओवर 10 लाख रुपये का था जो अब बढ़कर एक करोड़ तक पहुंच गया है. उनके इस मॉडल की वजह से आज 22 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हुआ है.
कॉट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए अब उत्तर प्रदेश में तेजी से कृषि क्षेत्र में बदलाव हो रहा है. अलीगढ़ के कैथवारी गांव के रहने वाले सतीश तोमर ने मेडिकल के फार्मा कंपनी की नौकरी को छोड़कर विरासत में मिली खेती-बाड़ी को न सिर्फ संभाला बल्कि उसे समृद्ध भी बनाया. कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की डिग्री रखने वाले सतीश अब पूरी तरीके से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. खुद के 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैविक खेती की शुरुआत की जो आज बढ़कर 25 हेक्टेयर में हो चुकी है. उनके खेतों में पैदा होने वाले उत्पाद अब ऑनलाइन मार्केट में अपनी विशेष पहचान भी बना रहे हैं. उनके इस काम से 22 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो चुका है. उन्होंने बताया कि उनके पिता परंपरागत खेती करते थे. प्राकृतिक खेती के बारे में भी उन्हें अपने पिता से ही जानकारी मिली. फिर उन्होंने सफल किसानों की कहानी पढ़ी जिससे वह प्रेरित हुए. पांच किसानों को जोड़कर उन्होंने ऑर्गेनिक फार्म का गठन किया और प्राकृतिक खेती शुरू कर दी. शुरुआत में कई परेशानियां भी आईं लेकिन अब उनके उत्पादों का अच्छा मूल्य मिल रहा है.
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कांट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से प्राकृतिक खेती करने वाले युवा किसान सतीश तोमर बताते हैं कि शुरुआत के दिनों में उनका टर्नओवर 10 लाख रुपये था जो आज बढ़कर एक करोड़ से ऊपर हो चुका है. संयुक्त कृषि निदेशक राकेश बाबू ने बताया की खेती-बाड़ी के क्षेत्र में युवा तेजी से करियर बना रहे हैं. कृषि विभाग के द्वारा ऐसे किसानों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है.
कांट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से खास पहचान बन चुके अलीगढ़ के सतीश तोमर अब जैविक उत्पाद की मिनी स्टोर खोलने के लिए प्रयासरत हैं. उन्होंने अपने ब्रांड एसआरएच ऑर्गेनिक फूड के उत्पाद को घर-घर पहुंचने के लिए मिनी स्टोर खोलने की तैयारी शुरू कर दी है. वे बताते हैं कि मिनी स्टोर खुलने से लोगों को जैविक अनाज सब्जियां फल आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे. अभी उनके ब्रांड से मल्टीग्रेन आटा, काला नमक:चावल, मोरिंगा सीड्स, हल्दी पाउडर, ऑर्गेनिक केन शुगर सहित 16 तरह के जैविक उत्पाद मौजूद हैं.
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