लॉकडाउन के दौरान एक तरफ जहां लोगों को अपनी जान का डर सता रहा था, वहीं, दूसरी तरफ लाखों की संख्या में लोग अपनी नौकरी से हाथ धोते जा रहे थे. घर-बार और पेट पालने के लिए लोगों ने अपना काम शुरू कर दिया. बड़ी संख्या में लोग अपने गृह राज्य लौटने लगे. इसी दौरान कई लोगों ने अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने का सोचा और उसपर अमल भी किया. आपको जानकार यह हैरानी होगी कि लॉकडाउन के दौरान भारत में सबसे अधिक स्टार्टअप का चलन देखा गया. कुछ समय बाद इससे लोगों को अच्छा मुनाफा भी हुआ. दूसरों को देख कई लोग प्रेरित हुए ओर खुद का कुछ करने का प्लान बनाया. ऐसे ही एक कहानी पंजाब के रहनेवाले दीप सिंह चीमा की है. दीप सिंह की नौकरी कोरोना से समय चली गई थी. जिसके बाद उन्होंने अपनी एक सशक्त पहचान बनाई है. नौकरी जाने के बाद मोहब्बत दीप सिंह चीमा ने फार्म टु टेबल का कांसेप्ट शुरू किया.आज मोहब्बत एक फ़ूड ट्रक संचालित कर रहे हैं.
इंडिया टुडे ग्रुप के डिजिटल चैनल किसान तक के उद्घाटन पर दिल्ली में किसान तक समिट का आयोजन किया गया. इसमें सोशल मीडिया किसान सत्र का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में चीमा ने कहा, मोहब्बत दीप सिंह चीमा कहते हैं, बैंकिंग सेक्टर में काम कर रहा था, तब तक कोरोना आ गया और नौकरी चली गई. तब मैं घर लौट गया और कुछ करने का सोचा. इसमें सबसे पहले दूध के बारे में सोचा कि दूध से बहुत बना अच्छा कमाया जा सकता है. सब्जी से भी अच्छी कमाई की जा सकती है. इसी बीच में एक वीडियो मेरा वायरल हो गया कि मेरे पास शेफ रणबीर बरार का फोन आ गया. इसके बाद मास्टरशेफ प्रोग्राम से बुलाहट आ गई. आज स्थिति ये है कि बड़े-बड़े सेलिब्रिटी आज हमारे फूड ट्रक पर खाना खाते हैं.
अपने इस फूड ट्रक में वे अपने खेतों में उगाई गई सब्जियों से बने फूड प्रोडक्ट को बेचने का काम करते हैं. इतना ही नहीं, वे घर में उत्पादित दूध से ज़ादा मुनाफा लेने क लिए दूध से बने शेक को भी बेचते हैं. घर के दूध से पनीर भी तैयार करते हैं जिसका इस्तेमाल पनीर बर्गर और पिज्जा में करते हैं. अपनी इस सोच के साथ मोहब्बत दीप सिंह चीमा सोनी टीवी पर मास्टर शेफ इंडिया, शार्क टैंक शो में भी आ चुके हैं.शो में उन्होंने बताया कि कुकिंग सिर्फ शौक नहीं बल्कि घर चलाने का जरिया है.
सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाला सो मास्टर शेफ इंडिया में भी मोहब्बत दीप सिंह भाग ले चुके हैं. शो के दौरान उन्होंने बताया कि वह एक बैंक में नौकरी कर रहे थे. सबकुछ बहुत अच्छा चल रहा था. उनकी सैलरी ढाई लाख रुपये महीने की थी. लेकिन कोरोना महामारी ने सबकुछ बदल कर रख दिया. बहुत सी कंपनियों और संगठनों ने छंटनी की और मोहब्बत सिंह की नौकरी भी उस दौरान चली गई. इसके बाद वो दिल्ली से पंजाब अपने गांव लौट आए. दीप सिंह ने आगे बताया कि उनके पास कोई और रास्ता नहीं था तो खाली बैठने की बजाय खेती शुरू कर दी. उनके लिए यह राह आसान नहीं थी क्योंकि सालों तक बड़े शहरों में नौकरी करने वाले के लिए गांव में रहना और खेती करना बहुत मुश्किल था. लेकिन फिर भी पेट पालने के लिए यह जरूरी था.
उन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर खेती करना सीखा और कई तरह की फसलें उपजाने लगे. हालांकि, खेती में उतना फायदा नहीं था जितनी मेहनत थी. ऐसे में, उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी ताकि वह खेती को बिजनेस से जोड़कर ज्यादा मुनाफा कमा सकें.आज वो अपने फूड ट्रक से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
शो के दौरान मोहब्बत सिंह ने बताया कि किसान अगर अपनी उपज को खुद प्रोसेस करके बिजनेस करें तो लाखों का मुनाफा कमाया जा सकता है. क्योंकि मंडी में जहां एक किलो आलू 3-4 रुपये/किलो खरीदा जाता है, उसी एक किलो आलू से तैयार किए गए फ्रेंच फ्राइज से 400-500 रुपये की कमाई कर सकते हैं. इसी सोच के साथ मोहब्बत ने अपने गांव ढिलवां में अपना फूड ट्रक, द पिज्जा फैक्ट्री शुरू किया. इस फूड ट्रक की खासियत यह है कि यहां केवल 199 रुपये में आप अनलिमिटेड पिज्जा, बर्गर और फ्राइज़ का मजा ले सकते हैं.
मोहब्बत सिंह चीमा अपने खेत में उगी फ्रेश सब्जियां और घर के दूध से बनाया चीज़ इस्तेमाल करके तरह-तरह के पिज्जा, बर्गर और गार्लिक ब्रेड आदि लोगों को परोस रहे हैं. इस फूड ट्रक की खासियत यह है कि यहां केवल 199 रुपये में आप अनलिमिटेड पिज्जा, बर्गर और फ्राइज़ का मजा ले सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आज वह अपने पिज़्ज़ा ट्रक से 2 लाख रुपये महीना कमा रहे हैं. उनका कहना है कि मुश्किल को मौका बनाकर ही कामयाबी मिल सकती है.
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