farmer Success Story: गन्ने से बंपर उपज और ज्यादा कमाई, जानिए किसान की ये नायाब तकनीक

farmer Success Story: गन्ने से बंपर उपज और ज्यादा कमाई, जानिए किसान की ये नायाब तकनीक

हरियाणा के एक प्रगतिशील किसान ने पारंपरिक खेती में बीज पर होने वाले भारी खर्च और उसकी कमी की समस्या को सुलझाने के लिए एक नायाब तरीका खोजा है. उनका यह तरीका एक तकनीक है जो न केवल सस्ती है, बल्कि इससे गन्ने की पैदावार और मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है. यह विधि विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान के समान है.

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farmer Success Story: गन्ने से बंपर उपज और ज्यादा कमाई, जानिए किसान की ये नायाब तकनीकसफल किसान जगबीर सिंह

भारतीय कृषि में यह कहावत सच साबित हुई है कि 'आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है'. हरियाणा के एक किसान जगबीर सिंह ने गन्ने की खेती में बीज की भारी लागत और कमी की समस्या को सुलझाकर इसे सच कर दिखाया है. उन्होंने देखा कि गन्ने की पारंपरिक खेती में किसानों का बहुत पैसा सिर्फ बीज पर खर्च हो जाता है. उन्होंने एक ऐसा तरीका खोज निकाला जो न केवल सस्ता है, बल्कि पैदावार को कई गुना बढ़ा देता है. उन्होंने 'सिंगल बड मेथड' यानी एक आंख से गन्ना उगाने का तरीका विकसित किया, जिसने मुनाफे के नए रास्ते खोल दिए हैं.

जगबीर सिंह की यह सफलता बताती है कि अगर खेती में समझदारी और विज्ञान का मेल हो जाए, तो लागत घटाकर मुनाफा कई गुना बढ़ाया जा सकता है. यह तकनीक छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है. बस अब जरूरत है कि सरकार और वैज्ञानिक इसे मान्यता दें ताकि यह लाभ हर किसान तक पहुंच सके.

गन्ना किसान की नई सोच से बंपर फसल 

हरियाणा के करनाल जिले के गांव मुनक के रहनेवाले प्रगतिशील किसान जगबीर सिंह पिछले 8 वर्षों से खेती में नए प्रयोग कर रहे हैं. जगबीर सिंह द्वारा ईजाद की गई यह विधि गन्ने के बीज को तेजी से तैयार करने का एक तरीका है. इस विधि में फरवरी-मार्च के महीने में गन्ने की एक आंख यानी सिंगल बड वाली पोरियों की बुवाई की जाती है. बुवाई के बाद लगभग 90 दिनों में यह कली एक 'मदर शूट' में बदल जाती है, जिसमें 3-4 पोरियां होती हैं.

90 दिन बाद इस मदर शूट को काटकर दोबारा जमीन में लगा दिया जाता है. कटिंग के बाद लगभग 25 दिनों में ही इसमें से कल्ले फूटने लगते हैं, जिनसे फिर 5-6 पोरियां तैयार हो जाती हैं. इन्हें फिर से काटकर बीज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इस चक्र को अपनाकर, एक साल के भीतर सामान्य विधि के मुकाबले 200 से 250 गुना अधिक बीज सामग्री तैयार की जा सकती है.

कम खर्च में लाखों की कमाई 

जगबीर सिंह की यह तकनीक खेती में 'कम लागत और ज्यादा मुनाफे' का बेहतरीन उदाहरण है. जहां गन्ने की पारंपरिक खेती में एक एकड़ के लिए 40 क्विंटल बीज लगता है और 36 से 18-20 हजार रुपये खर्च हो जाते हैं. वहीं इस नई विधि में मात्र 6 क्विंटल बीज से काम चल जाता है और लागत घटकर केवल 10 हजार रुपये रह जाती है.

बीज के खर्च में इस भारी बचत के साथ-साथ, जगबीर सिंह उन्नत किस्मों का बीज तैयार करके उसे बेचते भी हैं, जिससे वे प्रति हेक्टेयर 10 से 12 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं. उनकी कमाई का गणित इतना शानदार है कि यदि वे खेती में 1 रुपया लगाते हैं, तो उन्हें लगभग 5 रुपये की वापसी मिलती है.

सस्ती तकनीक से खेती में बड़ा व्यापार

आजकल गन्ने के बीज के लिए 'टिश्यू कल्चर' जैसी महंगी तकनीकें चर्चा में हैं, लेकिन हर किसान उन्हें नहीं अपना सकता. इसके विपरीत, जगबीर सिंह की 'सिंगल बड विधि' बहुत सस्ती और आसान है, जो किसानों को सिर्फ फसल बेचने वाला नहीं, बल्कि 'बीज उत्पादक' बनकर मोटा मुनाफा कमाने वाला उद्यमी बनाती है. वे पिछले 8 सालों से इसका सफल प्रयोग कर रहे हैं.

विशेषज्ञों के अनुसार, यह विधि बिना बीमारी वाले पौधे तैयार करने के लिए बेहतरीन है. बस इसे वैज्ञानिकों द्वारा बड़े स्तर पर प्रमाणित करने की देर है, जिसके बाद यह तकनीक उत्तर भारत के गन्ना किसानों के लिए एक नई क्रांति साबित हो सकती है.

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