AIF से ब्याज दर पर तीन फीसदी की छूट पर उठाया लोन, दो किसानों ने कृषि उद्योग लगा पाई सफलता

AIF से ब्याज दर पर तीन फीसदी की छूट पर उठाया लोन, दो किसानों ने कृषि उद्योग लगा पाई सफलता

एआईएफ (AIF) के तहत योगेश को प्रोसेसिंग सेंटर के लिए 1.9 करोड़ रुपये का लोन मिला है, तो कृषि यंत्रों के हाईटेक हब की स्थापना के लिए आनंद को 45.62 लाख रुपये का लोन मिला है. इन दोनों का ही सपना एआईएफ के समर्थन से सच हो गया है. ऐसे में आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं- 

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AIF से ब्याज दर पर तीन फीसदी की छूट पर उठाया लोन, दो किसानों ने कृषि उद्योग लगा पाई सफलताAIF से तीन फीसदी ब्याज पर मिलता है लोन, सांकेतिक फोटो, साभार: Freepik

कृषि में किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. किसानों की इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार द्वारा एग्रीकल्चर इंफ्रा फंड (एआईएफ) की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत ढाई साल के अंदर 15000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की कृषि अवसंरचना प्रोजेक्ट के लिए अप्रूवल मिल चुका है. जिसका 20,000 से अधिक लाभार्थियों ने लाभ उठाया है. योगेश और आनंद उन्हीं लाभार्थियों में से दो हैं. एआईएफ से ब्याज दर पर तीन फीसदी छूट पर योगेश ने  प्रोसेसिंग सेंटर के लिए 1.9 करोड़ रुपये का लोन लिया, तो वहीं कृषि यंत्रों के हाईटेक हब की स्थापना के लिए आनंद ने  45.62 लाख रुपये का लोन लिया. इन दोनों का ही सपना एआईएफ के समर्थन से सच हो गया है. ऐसे में आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं- 

प्रोसेसिंग सेंटर के लिए मिला 1.9 करोड़ रुपये का लोन

ग्राहकों की जरूरतों और किसानों द्वारा प्राथमिक प्रोसेसिंग सब्जियों की सप्लाई की बीच के अंतर को समझते हुए कर्नाटक के मांड्या जिले के योगेश सीबी सब्जियों के लिए एक प्राथमिक प्रोसेसिंग सेंटर शुरू करने की सोच रहे थे. 2020 में उन्हें केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई योजना कृषि अवसंरचना कोष के बारे में पता चला. उन्होंने कृषि अवसंरचना कोष (AIF) पोर्टल पर 1.9 करोड़ रुपये के लोन के लिए आवेदन किया, जिसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा वेरिफ़ाई किया गया और दिसंबर 2020 में बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बहुत जल्दी लोन के लिए अप्रूवल मिल गया.

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योगेश कृषि अवसंरचना कोष की मदद से अपनी सोच को धरातल पर उतारने में सफल रहे और उन्होंने Ariant Veg Private Limited को शुरू किया. योगेश को AIF की मदद से महज 5.45 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन मिला जोकि काफी कम था. मौजूदा वक्त में, Ariant Veg Private Limited  250 से अधिक किसानों को बीज और गुणवत्ता वाली सब्जियां उगाने की तकनीक प्रदान करके उनको सपोर्ट करती है. 

कृषि यंत्रों के हाईटेक हब की स्थापना 

इसी तरह, मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के किसान आनंद पटेल ने विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए कृषि में मशीनीकरण के महत्व और आवश्यकता को महसूस किया. इसके बाद उन्होंने कृषि यंत्रों के एक हाई-टेक हब की स्थापना की, जहां स्थानीय किसानों को किराये पर कृषि मशीनरी मिलती है. कृषि यंत्रों के हाईटेक हब में 12 कृषि मशीनरियां, जैसे- कंबाइन हारवेस्टर, थ्रेशर, लेजर लैंड लेवलर, ट्रैक्टर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, मल्चर आदि शामिल हैं, जिनकी कीमत लगभग 60.82 लाख रुपये है. जो आनंद पटेल जैसे किसान के लिए बहुत अधिक था, लेकिन कृषि अवसंरचना कोष और केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं के माध्यम से उन्होंने अपने सोच को साकार किया. 

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आनंद पटेल न केवल 5.4% की ब्याज दर पर 45.62 लाख सुरक्षित लोन प्राप्त करने में सफल हुए, बल्कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की कृषि मशीनीकरण योजना SMAM के तहत कुल प्रोजेक्ट लागत की 40 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी का लाभ भी मिला. अब वह 100 से अधिक छोटे और सीमांत किसानों को इन मशीनों की सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जिससे उन्हें काफी मेहनत, समय और पैसा बचाने में मदद मिली है. योगेश और आनंद एआईएफ के 20,000 से अधिक लाभार्थियों में से दो हैं, जिनका सपना एआईएफ के समर्थन से साकार हो गया है. 

कृषि अवसंरचना कोष क्या है?

कृषि अवसंरचना कोष के तहत ढाई साल के अंदर 15000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की कृषि अवसंरचना प्रोजेक्ट के लिए अप्रूवल मिल चुका है. कृषि अवसंरचना कोष योजना के तहत 30,000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं इस योजना की अवधि 10 साल रहेगी यानी वित्तीय वर्ष 2020 से 2029 तक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. कृषि अवसंरचना कोष के तहत मिलने वाले इस लोन पर सरकार द्वारा ब्याज दर में 3 फीसद की छूट दी जाती है. इस योजना के अंतर्गत किसानों, कृषि-उद्यमियों, किसान समूहों समेत कई अन्य लोगों को कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट्स, वेयरहाउस, पैकेजिंग यूनिट को लगाने पर 2 करोड़ रुपये तक का लोन मिलता है.

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