scorecardresearch
बाड़मेर के किसानों ने किया कमाल, रेगिस्तान में ऐसे कर रहे आलू और अनार की खेती, लाखों में है कमाई

बाड़मेर के किसानों ने किया कमाल, रेगिस्तान में ऐसे कर रहे आलू और अनार की खेती, लाखों में है कमाई

किसान विक्रम सिंह ने कहा कि मैंने जोखिम उठाया और आलू की खेती की, जिससे आसपास के कई किसान प्रेरित हुए. संभव है कि अब इस क्षेत्र में आलू भी बंपर पैदा होगा. उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियां किसानों को बीज उपलब्ध कराती हैं और खेती में पूरी सहायता करती हैं.

advertisement
अनार की खेती से किसान कर रहे बंपर कमाई. (सांकेतिक फोटो) अनार की खेती से किसान कर रहे बंपर कमाई. (सांकेतिक फोटो)

राजस्थान का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में सबसे पहले रेगिस्तान की तस्वीर उभर कर सामने आती है. लोगों को लगता है कि राजस्थान में सिर्फ बालू ही बालू है. वहां खेती न के बराबर होती है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. यहां पर किसान दूसरे राज्यों की तरह ही सभी फसलों की खेती करते हैं. खास कर बाड़मेर जिले में किसानों ने कमाल कर दिया है. इस जिले के किसान आलू और अनार की बड़े स्तर पर उत्पादन कर रहे हैं. इससे किसानों की अच्छी कमाई हो रही है.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक,  राज्य कृषि विभाग के आंकड़ों की माने तो साल 2022-23 में बाड़मेर जिले में 5 हेक्टेयर में आलू बोया गया और उत्पादन 500 मीट्रिक टन हुआ. इसी प्रकार अन्य रेगिस्तानी जिलों में जालौर में 267 मीट्रिक टन, जोधपुर में 245 मीट्रिक टन तथा बीकानेर में 666 मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ. कृषि विभाग के अनुसार, इसी तरह, 2022-23 में राज्य में 17,165 हेक्टेयर में 156,844 मीट्रिक टन अनार का उत्पादन हुआ.

इतने किसान कर रहे अनार की खेती

वर्तमान में, रेगिस्तानी जिलों में से बाड़मेर में अनार का सबसे अधिक उत्पादन होता है, जहां 8,466 हेक्टेयर में 102,112 मीट्रिक टन का उत्पादन होता है. जालौर और जोधपुर अन्य जिले हैं जहां फल बड़े स्तर पर उगाया जाता था. साल 2021 में बाड़मेर जिले के बुड़ीवाड़ा गांव के 15 किसानों ने 35 हेक्टेयर में अनार की खेती शुरुआत की और अब 4,000 से ज्यादा किसान अनार की खेती कर रहे हैं. स्थानीय किसान लाला राम ने कहा कि बाड़मेर के किसान सालाना लाखों रुपये के अनार बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान 5,800 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक दाम पर अनार बेच रहे हैं.

इन देशों में होती है सप्लाई

उन्होंने कहा कि बाड़मेर के अनार की मांग विदेशों में बढ़ रही है और फल नेपाल, बांग्लादेश और दुबई सहित कई अन्य देशों में निर्यात किया जाता है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, राजस्थान के युवा और शिक्षित किसान अपने खेतों में पारंपरिक फसलों को छोड़कर प्रयोग कर रहे हैं. बाड़मेर के तारातरा गांव के एक और किसान विक्रम सिंह आलू उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हो गए हैं, जिसका उपयोग विदेशों में फ्रेंच फ्राइज़ बनाने में किया जाता है.

पहली बार में 400 टन उत्पादन

सिंह ने कहा कि पहली बार उन्होंने आलू की खेती की तो उत्पादन 400 टन था. फ्रेंच फ्राइज़ बनाने में इस्तेमाल होने वाले आलू पहली बार राजस्थान में उगाए गए थे. उन्होंने कहा कि पहले बाड़मेर में सिंचाई की कोई सुविधा नहीं थी और खेतों में पानी देना बहुत महंगा था. अब कृषि क्षेत्र में सरकारी सब्सिडी मिलने से खेतों में तालाब बन रहे हैं और युवा किसान नई फसलों के साथ प्रयोग करने से नहीं कतरा रहे हैं.