Banana Farming: कहते हैं कि मेहनत और लगन से काम किया जाए तो किस्मत भी सफलता के द्वार खोल देती है. आज हम आपको अमेठी के एक ऐसे ही किसान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने केले की खेती में अपनी एक अलग पहचान पूरे जिले में बनाई हैं. दरअसल इस प्रगतिशील किसान को लोग टार्जन सिंह के नाम से जानते हैं. अमेठी जिले के मुसाफिरखाना ब्लॅाक के रहने वाले टार्जन बीते 5-6 वर्षों से केले की खेती कर रहे हैं. वह सालाना 13 लाख की मोटी कमाई कर मालामाल हो रहे हैं.
किसान तक से बातचीत में उन्होंने बताया कि 1.5 हेक्टेयर में 5500 केले के पौधे लगाता हूं. एक पौधा 19 रुपये के करीब पड़ता है. उन्होंने बताया कि जैन कंपनी केले के पौधे की सप्लाई अमेठी जिले में ज्यादा होती है, क्योंकि इसके फल की पैदावार अच्छी होती है. जबकि वह 1.5 हेक्टेयर में सालाना 13 लाख रुपये से ऊपर की बचत कर लेते हैं. टार्जन सिंह बताते हैं कि एक सामान्य परिवार से हैं और वह जैविक विधि से केले की खेती करते हैं. वहीं उनके द्वारा तैयार किया गया केला दूर-दूर तक जाता है. उन्होंने बताया कि गौरीगंज और अमेठी के लोकल मार्केट में मेरा केला जाता है. जबकि केले के खेत में बाहर से आए व्यापारी खरीदकर ले जाते है.
अमेठी जिले के मुसाफिरखाना ब्लॅाक के रहने वाले टार्जन सिंह ने बताया कि केले की खेती फायदे की खेती है. इस खेती को सही समय पर मेहनत के साथ किया जाए तो फायदा होता है. वह जैविक विधि से केले की खेती करते हैं. केले की खेती में गोबर की खाद का प्रयोग करते हैं. इसके साथ समय-समय पर कीटनाशक दवा का प्रयोग करते हैं. जिससे फसल रोग रहित हो. उन्होंने कहा कि 3.30 लाख की लागत में 13 लाख का मुनाफा होता है. अन्य किसान भी केले की खेती कर रहे हैं और फायदा कमा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अमेठी जिले में लगभग 300 से अधिक किसान केले की खेती करते है.
12वीं पास किसान टार्जन ने बताया कि जब केले की फसल 45-50 दिन की हो जाए, तब मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करके उस फसल को मिट्टी में दबा देते हैं. ऐसा करने से हमारे खेत को हरी खाद मिल जाती है और खेत की मिट्टी का स्वास्थ्य भी सही हो जाता है. इसके बाद केला लगाने से केला का बढ़वार अच्छा होता है और अच्छी उपज मिलती है.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today