गौशाला स्वीट्स... चौंकिए मत, ये किसी मिठाई की दुकान का ही नाम है. हरियाणा में झज्जर जिले की तहसील बहादुरगढ़ के गांव खरमाना के रहने वाले युवा किसान दीपक सांगवान ने इस नाम से मिठाई की दुकान शुरू की है, जो आज उनकी सफलता की कहानी बयां कर रही है.
दीपक की इस मिठाई की दुकान का नाम ही लाजवाब नहीं है बल्कि उनकी सफलता की ये कहानी भी उतनी ही शानदार है, जिसमें उन्होंने असफलता से गौशाला स्वीट्स के मालिक बनने तक का सफर तय किया है. कहानी ये है कि कभी उन्हें दूध बेचकर उसके दाम सही नहीं मिलते थे. उनकी इस असफलता ने गौशाला स्वीट्स को जन्म दिया और आज उसकी दूध की वह मिठाई बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं.
बहादुरगढ़ के गांव खरमाना के रहने वाले युवा किसान दीपक सांगवान गाय के दूध से घी और मिठाई बना रहे हैं, जिन्हें वे अपनी मिठाई की दुकान गौशाला स्वीट्स से बेचते हैं.
दीपक बताते हैं कि देसी गाय के दूध और घी से बनने वाली मिठाइयों का स्वाद लोगों को खूब पसंद आ रहा है. उनकी इस दुकान पर मिठाइयां 320 रुपये से लेकर 1000 रुपये की बिकती हैं. गाय के दूध से बनने वाली वाली छेने मिठाई का स्वाद भी काफी अच्छा आता है. दूध बेचने के मुकाबले गौशाला स्वीट्स मिठाइयों की बिक्री से दीपक को 2 से तीन गुना ज्यादा मुनाफा होने लगा है.
दीपक ने बताया कि दिल्ली शहर से उनके गांव की दूरी होने के कारण रोजाना शहर जाकर दूध बेचना कठिनाइयों से भरा रहा है और एक समय था, जब उन्हें देसी गाय के दूध का सही रेट भी नहीं मिलता था.
दीपक बताते हैं कि जब उनकी गायों का दूध शहर में जाता था तो उन्हें उसके सही दाम नहीं मिलते थे और कभी कभी तो लोग दूध में कम मलाई आना व दूध का पतला होने की शिकायत करते थे. फिर काफी परेशान होकर उन्होंने इस दुकान को खोलने का मन बनाया, जिसके बाद अब वह क्षेत्र में एक मिसाल बनकर उभर रहे हैं.
दीपक ने कहा कि जिन गौपालकों को ऐसी समस्या आती है तो वो भी दूध से बनने वाले अन्य उत्पादों पर काम कर सकते हैं, जैसे कि देसी गाय के दूध से बनने वाला घी, पनीर, खोया, मिठाई आदि. उन्हाेंने कहा कि अन्य किसान भी डिजिटल मीडिया का भी प्रयोग कर अपने ग्राहक से सीधा जुड़ सकते हैं. इससे उनकी आय भी बढ़ेगी और लोगों को शुद्ध गाय के दूध से बना उत्पाद भी मिलेंगे.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today