बिहार के मुजफ्फरपुर में बारिश से लीची किसानों के चेहरे पर रौनक आ गई है. रविवार से हो रही बारिश लीची किसानों के लिए अमृत का काम कर रही है. किसान सिंचाई के लिए परेशान थे और इसी बीच बारिश ने उनकी मुराद पूरी कर दी. सिंचाई के साथ ही कुदरती बारिश से लीची का फल तेजी से बढ़ता है, उसके दाने बढ़ते हैं और रस के साथ स्वाद में भी वृद्धि होती है. इससे किसानों की कमाई बढ़ जाती है. बारिश नहीं होने से किसान परेशान थे, लेकिन अब उनके चेहरे पर रौनक लौट आई है.
मुजफ्फरपुर में बारिश लीची की फसल के लिए वरदान साबित हुई है. इसने बढ़ते तापमान से राहत भी दिलाई है और हवा में नमी बढ़ गई है. इससे लीची के फल में लाल रंग जल्दी आता है और मिठास भी बढ़ती है. दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से तापमान में गिरावट आई है. इससे लीची के फल का रंग बदलने लगा है और साइज भी बढ़ने लगा है. किसान इसी के इंतजार में थे.
अब 15 से 20 दिनों में मुजफ्फरपुर की शाही लीची बाजारों में आ जाएगी. उससे पहले हुई यह बारिश लीची के लिए किसी अमृत से कम नहीं है. बिहार में अचानक मौसम परिवर्तन के बाद लीची किसानों को काफी फायदा हुआ है. मुजफ्फरपुर की सुप्रसिद्ध शाही लीची में लालपन आना शुरू हो गया है. किसानों के अनुसार इस बार लीची का फल काफी बढ़िया हुआ है. साइज भी अच्छा है. मौसम अभी फल के अनुकूल है.
लीची किसान सह बिहार लीची उत्पादन संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने कहा कि इस बार अप्रैल महीने में ही तापमान काफी बढ़ गया था. अप्रैल महीने में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच गया था. इसके कारण किसान काफी परेशान हो रहे थे. सिंचाई करने के बाद भी सही से फल में वृद्धि नहीं हो पा रही थी. मगर बारिश के बाद तामपान में गिरावट हुई है और लीची के फल में काफी तेजी से वृद्धि हुई है. साइज भी बढ़ रहा है. शाही लीची में लालपन आना शुरू हो गया है.
बच्चा प्रसाद कहते हैं, अगर मौसम ऐसा ही रहा तो इस बार फल बढ़िया होगा. बंपर पैदावार भी होगी. दो सप्ताह के भीतर मुजफ्फरपुर की शाही लीची बाजारों में दिखने लगेगी. बारिश से फल बढ़िया होगा तो किसानों की कमाई भी बढ़ेगी. मुजफ्फरपुर जिले में करीब 12 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती हुई है जिससे लगभग एक लाख टन लीची का उत्पादन का अनुमान है. यहां की शाही लीची का निर्यात विदेशों तक होता है.
लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि यह बारिश लीची के लिए अमृत का काम करेगी. जिले में करीब 12 हजार हेक्टर में लीची फैला हुआ है जिससे एक लाख टन लीची का उत्पादन हो सकता है. किसान इस उम्मीद में खुश हैं कि इस बार पैदावार बढ़ सकती है क्योंकि समय पर बारिश हुई है. बारिश से लीची को बहुत फायदा होता है. अगर मौसम सही रहा तो अगले 15-20 दिनों में लीची की तुड़ाई शुरू हो सकती है और मार्केट में इसकी बिक्री शुरू हो जाएगी.
वहीं लीची किसान मिथुन मिश्रा ने बताया कि लीची के लिए यह बारिश अमृत है और कई दिनों से वे इसके इंतजार में थे. मिथुन मिश्रा ने कहा, लीची हम किसानों की प्रमुख नकदी फसल है. इस बार मौसम अनुकूल है तो लीची की बढ़िया कीमत भी मिलने की उम्मीद है. इसी उम्मीद में किसानों के चेहरे खिल गए हैं.
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