दुकान में दफ्तर की बात सुनकर आप चौंक जाएंगे. दुकान भी ऐसी कि देखकर कोई अंदाजा न लगा पाए. गेट के नाम पर जहां केवल शटर लगा हो. न कोई बोर्ड और न कोई निशानी. ऐसे में किसान भला कैसे पहचानेगा कि फसल बीमा कंपनी का दफ्तर कहां है. यह मामला उत्तर प्रदेश के देवरिया का है जहां से खुद कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही आते हैं. यहां जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण में पता चला कि एक शटर लगे दुकान में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नॉमिनेट की गई बीमा कंपनी का दफ्तर चलता है. चौंकाने वाली बात ये है कि दफ्तर के बाहर ऑटो सेल्स का बोर्ड लगा हुआ था.
दुकान में जिस बीमा कंपनी का दफ्तर चल रहा था, उसे साल 2022-23 में एक करोड़ छत्तीस लाख ग्यारह हजार चार सौ छियानबे रुपये का भुगतान हो चुका है. डीएम के औचर निरीक्षण में यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं पाई गई जिससे लगे कि यह फसल बीमा का दफ्तर है. यहां किसी तरह के कागजात भी नहीं मिले. ऑनलाइन फॉर्म के लिए कंप्यूटर खोलने की कोशिश की गई, लेकिन कोई फॉर्म मिला. क्योंकि कंप्यूटर खराब था. यहां तक कि यहां काम करने वाले लड़कों के पास कोई परिचय पत्र भी नहीं मिला.
कथित दफ्तर में जो कंप्यूटर था, वह भी खराब पड़ा था. यह दफ्तर पूरे देवरिया जिले में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड का एकमात्र ऑफिस है. बुधवार को देवरिया शहर के सोंदा स्थित बीमा कंपनी के दफ्तर पर डीएम जे पी सिंह, सीडीओ रवींद्र कुमार, एसडीएम सौरभ सिंह, डीडी एजी विकेश पटेल और कृषि अधिकारी मोहम्मद मुज्जमिल पंहुचे. इन अधिकारियों के औचक निरीक्षण में यहां भारी गड़बड़ी पाई गई.
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जब डीएम ने पिछले दिनों बारिश से हुई फसल क्षति को देखते हुए किसानों के क्लेम की डिटेल मांगी तो कंपनी के जिला प्रबंधक दीपक सिंह ने बताया कि अभी तक सिर्फ चार किसानों के आवेदन मिले हैं. इस पर डीएम ने नाराजगी जाहिर की क्योंकि रबी वर्ष 2022-23 में कुल 24,814 किसानों ने 14,894 हेक्टेयर में लगी फसल के लिए 1,36,11,496 रुपये के प्रीमियम का भुगतान इस कंपनी (एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड) को किया है.
डीएम ने बताया कि बीते दिनों असमय बारिश की वजह से जिले के कुछ हिस्सों में गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है. इसी क्रम में जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से इंश्योरेंस लिया है, उन्हें फसली नुकसान का मुआवजा देने की कोशिश की जा रही है. लेकिन यह बीमा कंपनी अपने कार्यों में बड़ी लापरवाही बरत रही है. डीएम ने कहा कि इस लापरवाही के खिलाफ इंश्योरेंस कंपनी पर कार्रवाई की जाएगी.
आलम यह है कि इंश्योरेंस कंपनी का दफ्तर इस कदर खोला गया है कि न कोई इसे जान पाएगा और न यहां तक पहुंच पाएगा. यह हाल उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के गृह जनपद का है. इससे प्रदेश के अन्य जिलों का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां बीमा कंपनियों का क्या हाल होगा और किसानों को फसली नुकसान का मुआवजा किस तरह से मिलता होगा.
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निरीक्षण के बाद डीएम ने कहा, बीमा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखेंगे. जिन किसानों की फसल खराब हुई है, उसका क्लेम दिलाने का प्रयास करेंगे. अगर ऐसा नहीं होता है तो जरूरत के हिसाब से उक्त कंपनी के खिलाफ अभियोग भी दर्ज किया जाएगा.
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