उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Image-Kisan Tak)उत्तर प्रदेश के किसानों को हर सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए योगी सरकार का प्रयास निरंतर जारी है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग द्वारा 20 नवंबर 2025 शाम 6 बजे तक की फार्मर रजिस्ट्री की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट जारी की गई है. इस रिपोर्ट के अनुसार, पूरे प्रदेश में फार्मर रजिस्ट्री का कार्य 59.10 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है. राज्य में पीएम किसान योजना के अंतर्गत सत्यापन के बाद कुल 2,48,30,499 किसान चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से अब तक 1,66,49,184 पीएम किसान लाभार्थियों का पंजीकरण फार्मर रजिस्ट्री में सफलतापूर्वक किया जा चुका है. अकेले 20 नवंबर को पूरे प्रदेश में 55,460 नई फार्मर आईडी जेनरेट की गईं.
कृषि विभाग से जारी रिपोर्ट के मुतबिक,पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 79.76 प्रतिशत कार्य पूर्णता के साथ प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है. इसके बाद बस्ती जिला 79.05 प्रतिशत कार्य पूरा कर दूसरे और सीतापुर 78.22 प्रतिशत प्रगति के साथ तीसरे स्थान पर है. इसके साथ रामपुर ने 76.90 प्रतिशतऔर फिरोजाबाद ने 76.00 प्रतिशत कार्य पूरा कर शीर्ष पांच जिलों में अपनी जगह सुनिश्चित की है. इसके अलावा कुछ जिलों की प्रगति अत्यंत धीमी और चिंताजनक है.
सुल्तानपुर जिला मात्र 49 प्रतिशत कार्य के साथ तालिका में सबसे निचले यानी 75वें पायदान पर है. इसी तरह बलिया 50.23 प्रतिशत, संत कबीर नगर 50.32 प्रतिशत, गोरखपुर 50.53 प्रतिशतऔर बागपत 51.04 प्रतिशत प्रगति के साथ सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले निचले पांच जिलों में शामिल हैं. यूपी सरकार की इस महत्वाकांक्षी फार्मर रजिस्ट्री पहल का उद्देश्य किसानों को एक विशिष्ट डिजिटल पहचान प्रदान करना है. इस व्यवस्था से पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और फसल बीमा जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी तरीके से किसानों तक पहुंच सकेगा.
यह प्रक्रिया न केवल ऋण प्राप्ति और बीमा क्लेम को सरल बनाएगी, बल्कि बिचौलियों की भूमिका को समाप्त कर वास्तविक पात्र किसानों को उनका अधिकार दिलाने में भी सहायक होगी. इस संबंध में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों के प्रति कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने आंकड़ों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब पूरे प्रदेश का औसत 59.10 प्रतिशत है, तो सुल्तानपुर और बलिया जैसे जिलों का 50 प्रतिशत के आसपास संघर्ष करना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है.
मंत्री शाही ने सुल्तानपुर, बलिया, संत कबीर नगर, गोरखपुर और बागपत के अधिकारियों को गाजियाबाद और बस्ती जैसे अग्रणी जिलों से प्रेरणा लेकर मिशन मोड में काम करने का सख्त निर्देश दिया है. उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि कार्य में तत्काल तेजी नहीं लाई गई, तो शिथिलता बरतने वाले संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
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