ओडिश के राशन कार्ड होल्डर्स के लिए खुशखबरी है. कहा जा रहा है कि राज्य सरकार अब राशन कार्ड धारकों को चावल के साथ-साथ गेहूं भी दे सकती है. अगर ऐसा होता है कि राज्य के राशन कार्ड होल्डर्स को 8 साल बाद फिर से गेहूं मिलेगा, क्योंकि केंद्र ने गेहूं-चावल अनुपात में संशोधन किया है. साथ ही राज्य को खाद्यान्न का आवंटन बढ़ा दिया है. सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत ओडिशा सहित 9 राज्यों के लिए चावल और गेहूं के आवंटन में संशोधन किया गया है.
खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण विभाग को भेजे गए एक पत्र में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि ओडिशा को अक्टूबर से गेहूं का कोटा मिलेगा. इसमें कहा गया है कि खाद्य सब्सिडी, अंतर-राज्यीय परिवहन और डीलर के मार्जिन सहित इस तरह के आवंटन के कारण लागत शेयरिंग में कोई बदलाव नहीं होगा. साथ ही मौजूदा टाइड ओवर आवंटन में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है.
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द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक संशोधित मासिक आवंटन के अनुसार, ओडिशा को 1,87,651.95 टन खाद्यान्न मिलेगा, जिसमें 1,67,745.931 टन चावल और 19,906.019 टन गेहूं शामिल है. हालांकि, ओडिशा में एनएफएसए के तहत करीब 3.26 करोड़ लोग आते हैं. साल 2016 में, केंद्र ने ओडिशा को अधिक चावल उपलब्ध कराने के राज्य सरकार के अनुरोध के बाद ओडिशा के गेहूं के कोटे में कटौती की थी. चावल की खपत करने वाले राज्य ओडिशा ने केंद्र से चावल और गेहूं के अनुपात को 79:21 से संशोधित कर 85:15 करने के लिए कहा था. कम शुरुआती स्टॉक, सुस्त खरीद और निजी व्यापारियों द्वारा आक्रामक खरीद के कारण अनाज की घटती उपलब्धता के मद्देनजर गेहूं का अनुपात और भी कम हो गया.
पिछले महीने, खाद्य और उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने केंद्र से चावल कोटे के 20 प्रतिशत के बदले गेहूं उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था. पात्रा ने मीडियाकर्मियों से कहा कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. इसके अनुसार ही आवंटन को संशोधित किया गया है. अक्टूबर से लोगों को चावल के साथ गेहूं भी मिलेगा.
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