उत्तर प्रदेश सरकार खजूर की खेती को प्रोत्साहन देने और इसे प्रदेशभर में विस्तार देने की योजना पर काम कर रही है. इसके तहत सरकार मिर्जापुर में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. यह पहल किसानों को न केवल आर्थिक लाभ पहुंचाएगी, बल्कि राज्य को खजूर उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी.
सरकार की योजना के तहत खजूर की खेती की शुरुआत विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र से की जाएगी. इसमें मिर्जापुर, सोनभद्र, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, महोवा, झांसी और ललितपुर शामिल हैं. इसके बाद भदोही, चंदौली, आगरा, मथुरा और अन्य जिलों में इस खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. इस सिलसिले में जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की एक टीम ने इन इलाकों की जलवायु और मिट्टी का गहराई से अध्ययन किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इन क्षेत्रों की मिट्टी और वातावरण खजूर की खेती के लिए अनुकूल हैं.
खजूर की खेती किसानों के लिए कई फायदे लेकर आएगी. यह एक ऐसा फल है जिसकी बाजार में अच्छी मांग है और इसे लंबे समय तक स्टोर भी किया जा सकता है. किसानों को इसके बेहतर दाम मिलने की संभावना है. इसके अलावा, खजूर के पौधों पर कांटे होने के कारण यह जानवरों से सुरक्षित रहता है. विशेषज्ञों का कहना है कि किसान खजूर की खेती के साथ-साथ सब्जियों की खेती भी कर सकते हैं, जिससे उनकी आय में और वृद्धि हो सकती है.
गौरतलब है कि भारत खजूर का 38% हिस्सा आयात करता है. इसका मतलब यह है कि खजूर की खेती को बढ़ावा देने से किसानों को घरेलू बाजार में सीधा लाभ मिलेगा. वर्तमान में गुजरात के कच्छ और राजस्थान के जोधपुर व जैसलमेर जैसे क्षेत्रों में खजूर की खेती हो रही है. अब उत्तर प्रदेश भी इस दिशा में बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहा है.
उत्तर प्रदेश के उद्यान और कृषि विपणन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि मिर्जापुर में खजूर के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा. यह सेंटर किसानों को खजूर की आधुनिक खेती के तौर-तरीके सिखाने और तकनीकी सहायता देने में मदद करेगा. साथ ही, सरकार खजूर की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक सहायता देने पर भी विचार कर रही है, ताकि वे इस खेती को आसानी से अपना सकें.
खजूर की खेती न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भी काफी जरूरी है. खजूर के पौधे सूखा-प्रतिरोधी होते हैं और मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करते हैं.
जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने उत्तर प्रदेश में खजूर की खेती को एक बड़ा कदम बताया है. उनका कहना है कि खजूर की खेती से राज्य के किसानों को एक स्थायी आय का स्रोत मिलेगा. साथ ही, राज्य को खजूर उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा.
उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही केंद्र सरकार को खजूर की खेती को लेकर प्रस्ताव भेजने वाली है. इस प्रस्ताव में आर्थिक सहायता और खजूर की खेती के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण की मांग शामिल होगी. हाल ही में राजस्थान के विशेषज्ञों की एक टीम ने मिर्जापुर और अन्य जिलों का दौरा कर इस दिशा में सकारात्मक संकेत दिए हैं.
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