उत्तर प्रदेश में फलों और सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने एक और अनूठी पहल की है. इससे न केवल सब्जियों और फलों की पैदावार बढ़ेगी, बल्कि उनकी क्वालिटी में भी सुधार आएगा. दरअसल, राज्य सरकार गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) और गाजियाबाद को छोड़कर बाकी 73 जिलों में हाईटेक नर्सरी (पौधशाला) बनाएगी. इन पौधशालाओं के बनने से प्रदेश के लाखों किसानों को फायदा होगा. इनमें जिले के कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) के अनुसार फलों और सब्जी की प्रजातियों की अनुकूलता का ध्यान रखा जाएगा. जिले के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) और उद्यान विभाग मिलकर इसका निर्णय लेंगे.
जानकारी के मुताबिक, ये हाईटेक नर्सरियां मनरेगा की मदद से तैयारी की जाएंगी. अब तक 36 पौधशालाएं बनकर तैयार हैं. जल्द ही 16 और पौधशलाओं का काम शुरू होगा. इन हाईटेक नर्सरियों में पौधों को नियंत्रित तापमान और नम माहौल में तैयार किया जाता है. यही वजह है कि यहां तैयार किए गए पौधे रोग प्रतिरोधी होते हैं, जिनसे पैदा होने वाली सब्जियों और फलों की पैदावार भी अधिक होती है.
साथ ही गुणवत्ता के मामले में भी ये बेहतर होते हैं. इन सब कारणों से उपज का भाव भी सही मिलेगा और किसानों और बागवानों की आय बढ़ेगी. किसानों और बागवानों के हित में राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं का अंतिम लक्ष्य भी उनकी आमदानी बढ़ाना ही है. फलों और सब्जियों की खेती रोजगार के साथ पोषण सुरक्षा के लिहाज से भी अच्छा विकल्प है. बता दें कि यूपी की इकोनॉमी मुख्य तौर पर कृषि पर आधारित है और इस व्यवस्था में फलों और सब्जियों की खेती की एक खास जगह है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह सिद्ध हो चुका है कि फल और सब्जियों की खेती में प्रति हेक्टेयर पर स्थानीय स्तर पर ज्यादा रोजगार के मौके उपलब्ध होते हैं. इसमें अगर फूड प्रोसेसिंग के काम को जोड़ दिया जाए तो रोजगार की संख्या और बढ़ जाती है. फल-सब्जियों में विटामिंस और फाइबर प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो पोषण सुरक्षा के लिहाज से भी महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं. ऐसे में इन सबमें इन हाईटेक पौधशालाओं की खास भूमिका होगी.
उत्तर प्रदेश नौ तरह के एग्रो क्लाइमेटिक जोन है. ऐसे में यहां हर तरह के फलों और सब्जियों की खेती की जा सकती है. प्रदेश की कुल भूमि का करीब 77% हिस्सा खेती के लिहाज से सही है. खेती योग्य जमीन का करीब 85% भाग सिंचित है. वहीं, यह भारत का सबसे सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है. ऐसे में श्रम शक्ति और बाजार के हिसाब से भी यहां फलों और सब्जियों की खेती की भरपूर संभावना है.
प्रदेश सरकार कृषि उत्पादों के निर्यात पर भी खासा जोर दे रही है. प्रदेश में एक्सप्रेस-वे और हाईवे कनेक्टिविटी बढ़ी है. इसके अलावा जेवर, अयोध्या और कुशीनगर समेत कई इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी फल-सब्जियों और कृषि उत्पादों के निर्यात में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. पश्चिमी बंगाल के हल्दिया तक का देश का इकलौता जलमार्ग भी निर्यात की संभावनाओं को और बढ़ा देता है. भविष्य में सरकार की प्लानिंग जलमार्ग का विस्तार अयोध्या तक करने की है. वहीं, दादरी, गोरखपुर सहित 13 जिलों में कार्गो हब बनाने की तैयारी तेज है, उससे इनके निर्यात की संभावना और बढ़ जाएगी.
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