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देश के ढाई करोड़ किसानों के लिए वरदान साबित होगा मिलेट्स अभियान: PM Modi

देश के ढाई करोड़ किसानों के लिए वरदान साबित होगा मिलेट्स अभियान: PM Modi

दो दिवसीय सम्मेलन में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ)/किसान स्वयं सहायता समूहों, स्कूलों, कृषि-विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), ग्राम पंचायतों, कॉमन सर्विस सेंटरों (सीएससी), सहकारी संस्थानों, होटल प्रबंधन स्कूलों, भारतीय दूतावासों और प्रवासी भारतीयों आदि की भी व्यापक भागीदारी रहेगी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली में ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया. इस कॉन्फ्रेंस का नाम श्री अन्न सम्मेलन रखा गया है. नई दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (NSC) के सुब्रमण्यम हॉल में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का उद्घाटन किया. कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और अन्य मंत्री भी शामिल हुए. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में शुरू हुआ मिलेट्स अभियान अपने ढाई करोड़ किसानों के लिए वरदान साबित होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा, मिलेट्स (श्री अन्न) एक स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल फसल है जो जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद कर सकती है. मिलेट्स (श्री अन्न) कई संस्कृतियों में एक पारंपरिक भोजन है और हजारों वर्षों से इसका आनंद लिया जाता रहा है.

क्या कहा पीएम मोदी ने

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) कॉन्फ्रेंस जैसे आयोजन न सिर्फ Global Goods के लिए जरूरी हैं, बल्कि Global Goods में भारत की बढ़ती जिम्मेदारी का भी प्रतीक हैं. जब हम किसी संकल्प को आगे बढ़ाते हैं, तो उसे सिद्धि तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी उतनी ही अहम होती है. मुझे खुशी है कि आज विश्व जब 'international millet year' मना रहा है, तो भारत इस अभियान की अगुवाई कर रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारे युवा साथी किस प्रकार के नए-नए स्टार्टअप लेकर इस क्षेत्र में आए हैं, ये भी अपने आप में प्रभावित करने वाला है. ये सभी भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. 'श्री अन्न' केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं हैं, जो लोग भारत की परंपराओं से परिचित हैं, वह ये भी जानते हैं कि हमारे यहां किसी के आगे 'श्री' ऐसे ही नहीं जुड़ता है.  

प्रधानमंत्री ने कहा, जहां 'श्री' होती हैं वहां समृद्धि भी होती है और समग्रता भी होती है. श्री अन्न यानी कम पानी में ज्यादा फसल की पैदावार. श्री अन्न यानी केमिकल मुक्त खेती का बड़ा आधार. श्री अन्न यानी क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने में मददगार. 
'श्री अन्न' भी भारत में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है, इसमे गांव भी जुड़ा है और गरीब भी जुड़ा है. श्री अन्न यानी देश के छोटे किसानों के समृद्धि का द्वार. श्री अन्न यानी देश के करोड़ों लोगों के पोषण का कर्णधार. श्री अन्न यानी देश के आदिवासी समाज का सत्कार.

प्रधानमंत्री ने कहा, चाहे LIFE मिशन की अगुवाई हो, Climate Change से जुड़े लक्ष्यों को समय से पहले हासिल करना हो, हम अपनी विरासत से प्रेरणा लेते हैं, समाज में बदलाव को शुरू करते हैं और उसे विश्व कल्याण की भावना तक लेकर जाते हैं. यही आज भारत के 'मिलेट मूवमेंट' में भी दिख रहा है. इंटरनेशनल सोलर एलायंस के रूप में आज भारत का ये प्रयास sustainable planet के लिए एक प्रभावी मंच का काम कर रहा है. Climate resilient होना मिलेट्स की ताकत है. बहुत Adverse Climatic Conditions में भी मिलेट्स का आसानी से उत्पादन हो जाता है. इसकी पैदावार में अपेक्षाकृत पानी भी कम लगता है, जिससे Water crisis वाली जगहों के लिए ये एक पसंदीदा फसल बन जाती है.

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श्री अन्न सम्मेलन दो दिन तक चलने वाला है जो शनिवार को उद्घाटन के साथ शुरू हो गया. दो दिवसीय ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन के दौरान सभी प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII), फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्‍की), पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) जैसे उद्योग संघों द्वारा समानांतर सम्मेलन और तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे. इनमें मोटे अनाज मूल्य श्रृंखला, मोटे अनाजों के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी लाभों, जलवायु परिवर्तन और निरंतरता से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा. 

इन समानांतर सम्मेलनों/सत्रों में डॉ. जैकलीन ह्यूजेस, महानिदेशक, आईसीआरआईएसएटी; जोंग-जिन किम, एफएओ के एशिया और प्रशांत क्षेत्र के सहायक महानिदेशक और क्षेत्रीय प्रतिनिधि; कपिल देव, क्रिकेटर; गीता फोगट, पहलवान, राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता; शेफ थॉमस गुगलर, अध्यक्ष, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ शेफ आदि भाग लेंगे. इस दौरान पद्म पुरस्कार से सम्‍मानित किसानों जैसे प्रतिष्ठित दर्शकों की भी मौजूदगी रहेगी.

इस दौरान मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए मोटे अनाजों पर केंद्रित एक प्रदर्शनी-सह-क्रेता-विक्रेता बैठक (BSM) भी आयोजित की जाएगी. इसमें 50 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों, आयातकों, निर्यातकों और प्रसंस्‍करणकर्ताओं की भागीदारी रहेगी. प्रदर्शनी में 100 से अधिक स्टॉलों में मोटे अनाजों पर आधारित स्टार्टअप्स, निर्यातकों द्वारा मोटे अनाजों पर आधारित रेडी-टू-कुक और रेडी-टू-ईट उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा. इसके अलावा विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय रसोइयों द्वारा लाइव कुकिंग सत्र भी आयोजित किए जाएंगे.

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इस दो दिवसीय सम्मेलन में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ)/किसान स्वयं सहायता समूहों, स्कूलों, कृषि-विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), ग्राम पंचायतों, कॉमन सर्विस सेंटरों (सीएससी), सहकारी संस्थानों, होटल प्रबंधन स्कूलों, भारतीय दूतावासों और प्रवासी भारतीयों आदि की भी व्यापक भागीदारी रहेगी.

भारत के प्रस्ताव के आधार पर, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित किया गया था. इसके अलावा, मोटे अनाज 2023 के उत्सव को एक ‘जन आंदोलन’ बनाने और भारत को ‘श्री अन्न के लिए वैश्विक हब’ के रूप में स्थापित करने के प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, किसानों, स्टार्टअप, निर्यातकों, खुदरा व्यवसायों और अन्य हितधारकों को किसानों, उपभोक्ताओं और जलवायु के लिए मिलेट्स (श्री अन्न) के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने और प्रचार करने के लिए लगाया गया है. भारत में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का आयोजन इस संदर्भ में एक अत्यंत बड़ा और महत्वपूर्ण कार्यक्रम है.