PM Kusum Yojana: प्रधानमंत्री कुसुम योजना भारत सरकार की एक ऐसी पहल है, जिसका मकसद किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और कृषि में रिन्यूबल एनर्जी का प्रयोग बढ़ाना है. इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप और सोलर एनर्जी प्लांट लगवाने पर सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाती है. यह योजना न सिर्फ सिंचाई की लागत को कम करती है बल्कि अतिरिक्त कमाई का मौका भी किसानों को देती है.
पीएम कुसुम योजना को साल 2019 में शुरू किया गया था. इसका मकसद किसानों को सोलर एनर्जी से बिजली उपलब्ध कराना, डीजल पंपों को सोलर में बदलना और फालतू बिजली को ग्रिड में बेचने की सुविधा देना है. इस योजना के तीन अहम अंग हैं-
कंपोनेंट A: ग्रिड से जुड़ा सोलर प्लांट
निजी किसानों या सहकारी समितियों को 500 किलोवॉट से 2 मेगावॉट तक का सोलर प्लांट लगाने की मंजूरी.
इससे बनने वाली बिजली DISCOM को बेची जा सकती है.
इससे किसान को 20-25 साल तक निश्चित दर पर इआय होती है.
कंपोनेंट B: स्टैंडअलोन सोलर पंप
डीजल पंप की जगह सोलर एनर्जी से चलने वाले पंप.
खासकर उन क्षेत्रों के लिए जहां बिजली नहीं पहुंची है.
कंपोनेंट C: ग्रिड से जुड़े पंपों का सोलराइजेशन
किसानों के मौजूदा बिजली पंपों को सोलर पंप में बदला जाता है.
जरूरत से ज़्यादा बिजली ग्रिड को बेची जा सकती है.
योजना के तहत केंद्र सरकार कुल लागत की 30 प्रतिशत सब्सिडी किसानों को देती है. वहीं राज्य सरकार की तरफ से भी 30 प्रतिशत की अतिरिक्त सब्सिडी मिलती है. किसान को इस योजना का सिफ्र 10 से 40 प्रतिशत तक अदा करना होता है. वहीं योजना के लिए बैंक से लोन की सुविधा भी उपलब्ध है.
MNRE की आधिकारिक वेबसाइट या राज्य की न्यू एंड रिन्यूबल एनर्जी एजेंसी की वेबसाइट पर जाएं.
PM-KUSUM Yojana के तहत ऑनलाइन अप्लीकेशन फॉर्म भरें.
जरूरी डॉक्यूमेंट जैसे आधार कार्ड, लैंड डॉक्यूमेंट्स और बैंक डिटेल्स को फिल करें.
आवेदन मंजूर होने के बाद संबंधित एजेंसी पंप लगवाती है.
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