UP Farmers News: प्रदेश में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए योगी सरकार संकल्पबद्ध है. इसी कड़ी में नीम कोटेड यूरिया (Neem Coated Urea) अब किसानों को पूर्व की भांति 45 किलो के बैग में मिलता रहेगा. संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक) अनिल कुमार पाठक ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से नीम कोटेड यूरिया 45 किग्रा प्रति बैग 266.50 रुपये की दर पर पूर्व की भांति निजी एवं सहकारिता क्षेत्र में बिक्री हेतु पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहेगी. उन्होंने बताया कि मिट्टी की जांच के आधार विभिन्न फसलों हेतु नाइट्रोजन तत्व की आवश्यकता के लिए कृषकों के द्वारा मुख्य रूप से नीम कोटेड यूरिया उर्वरक का प्रयोग किया जाता है. नीम कोटेड यूरिया 45 किग्रा प्रति बैग 266.50 रुपये में अनुदानित दरों पर कृषकों को निजी एवं सहकारिता क्षेत्र में बिक्री हेतु उपलब्ध होती है.
संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक) ने बताया है कि नीम कोटेड यूरिया की भांति उर्वरक नियन्त्रण आदेश 1985 में सल्फर कोटेड यूरिया पूर्व से नोटिफाइड है, परन्तु कृषकों को बिक्री हेतु उपलब्ध नहीं थी. भारत सरकार के द्वारा सल्फर कोटेड यूरिया को 'यूरिया गोल्ड' के नाम से बिक्री हेतु शीघ्र ही बाज़ार में उपलब्ध कराया जाएगा. भारत सरकार के द्वारा सल्फर कोटेड यूरिया यूरिया गोल्ड 40 किग्रा प्रति बैग की कीमत 266.50 रुपये निर्धारित की गयी है. यूरिया गोल्ड में नाइट्रोजन 37 प्रतिशत तथा सल्फर 17 प्रतिशत उपलब्ध होगा. विशेषकर तिलहनी एवं दलहनी फसलों के अच्छे उत्पादन हेतु सल्फर तत्व की आवश्यकता होती है. किसानों के द्वारा यूरिया गोल्ड के उपयोग करने की दशा में नाइट्रोजन के साथ-साथ सल्फर तत्व भी फसलों को उपलब्ध होगा.
सल्फर-कोटेड यूरिया से मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाने, पोषक तत्वों का पूरा फायदा उठाने और फसल की बेहतर पैदावार सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है. गोल्ड यूरिया की मदद से पर्यावरण को बहुत फायदा होगा.
यूरिया गोल्ड को पिछले साल ही लॉन्च किया गया था. इससे मिट्टी में सल्फर की कमी नहीं होगी. यूरिया गोल्ड के इस्तेमाल से पौधों में नाइट्रोजन का बेहतर इस्तेमाल करने की क्षमता बढ़ती है. साथ ही यूरिया की खपत भी कम होती है. इससे किसानों को दोहरा फायदा मिलता है. भारत में खेती योग्य भूमि की स्थिति बिगड़ती जा रही है. यूरिया के अंधाधुंध इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरकता और उपज भी घट रही है. यह यूरिया राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर लिमिटेड (RCF) कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है.
सल्फर कोटेड यूरिया से नाइट्रोजन धीरे-धीरे रिलीज होती है. यूरिया गोल्ड में ह्यूमिक एसिड मिला होने की वजह से इसकी लाइफ ज्यादा होती है. यह मौजूदा यूरिया का अच्छा विकल्प है. जानकारी के अनुसार, 15 किलो यूरिया गोल्ड 20 किलो पारंपरिक यूरिया के बराबर फायदा देगा.
1. कृषि लागत में कमी 2. किसानों की आय में वृद्धि 3. 5 से 10 प्रतिशत तक यूरिया की बचत 4. 10-15 प्रतिशत तक उपज में वृद्धि यूरिया का आयात कम होगा 5. नाइट्रोजन के धीरे धीरे निकलने के कारण मृदा उर्वरा को मदद मिलती है. 6. यूरिया की सब्सिडी की बचत होगी. 7. नीम लेपित यूरिया का संतुलित इस्तेमाल यूरिया के औद्योगिक इस्तेमाल पर अंकुश लगेगा पर्यावरण अनुकूल होगा. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, नीम कोटेड यूरिया सामान्य यूरिया के अनुपात में 5 से 10 प्रतिशत तक कम लगती है, जिससे किसान की लागत घटती है.
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