पानी के संकट का सामना कर रहे महाराष्ट्र में माइक्रो इरिगेशन को और बढ़ावा दिया जाएगा. यानी 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' के कांन्सेप्ट को और अच्छी तरह से खेत-खेत तक पहुंचाकर कम पानी में खेती की जा सके. राज्य के कई क्षेत्रों में भयंकर सूखा रहता है, जिससे किसानों को खेती करना मुश्किल हो जाता है. देश का करीब 11 प्रतिशत से अधिक माइक्रो इरिगेशन एरिया महाराष्ट्र में है, अब सरकार इसे और बढ़ाने के प्रयास में जुटी हुई है. कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने मुंबई में कहा कि सरकार 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत एरिया बढ़ाएगी. इससे जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाएगा.
महाराष्ट्र सरकार से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार 2015-16 से 2023-24 तक देश में 83 लाख हेक्टेयर एरिया माइक्रो इरिगेशन में कवर है. जिसमें से महाराष्ट्र में 9 लाख 38 हजार हेक्टेयर एरिया है. इस तरह महाराष्ट्र माइक्रो इरिगेशन में योगदान देने वाले बड़े राज्यों में शामिल है. भूजल का सबसे ज्यादा खर्च खेती में ही होता है इसलिए सरकार चाहती है की खेती के माध्यम से ही पानी की बचत की जाए. कम पानी में खेती हो. महाराष्ट्र में सूखे का संकट का है. पानी का अभाव है इसलिए बड़े पैमाने पर प्याज की खेती होती है क्योंकि इसमें कम पानी लगता है.
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'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' यानी प्रति बूंद सूक्ष्म सिंचाई योजना में आ रही दिक्कतों को लेकर धनंजय मुंडे से इरिगेशन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. एसोसिएशन के अध्यक्ष जुम्बरलाल भंडारी, उपाध्यक्ष केएम महामुलकर, सचिव संदीप खैबेकर, कमलेश दास एवं कृषि विभाग के अधिकारी इस मौके पर उपस्थित थे. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस योजना को बढ़ाने में आ रही दिक्कतों का जिक्र किया. मंत्री ने इस योजना को लागू करने में आ रही दिक्कतों का समाधान करने के लिए अधिकारियों को आदेश दिए. जिससे कि माइक्रो इरीगेशन के एरिया को और बढ़ाया जा सके.
कृषि मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सूक्ष्म सिंचाई योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि शीघ्र प्राप्त कर वितरित की जाए. सरकार बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना के तहत पूरक अनुदान की अधिकतम सीमा बढ़ाने के साथ-साथ आय की शर्तों में बदलाव कर इसे और किसान फ्रेंडली करने पर विचार कर रही है. मुंडे ने आश्वासन दिया कि महा डीबीटी पोर्टल पर समस्याओं का समाधान किया जाएगा. यह भी आदेश दिया कि भारतीय सिंचाई संघ को राज्य स्तरीय समिति में शामिल होने के लिए एक अलग प्रस्ताव प्रस्तुत करना चाहिए.
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