महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) से जुड़े श्रमिकों के जॉब कार्ड का दुरुपयोग किए जाने की शिकायतों और सूचनाओं पर केंद्र सरकार ने 15 लाख से ज्यादा एक्टिव जॉब कार्ड को हटा दिया है. असम राज्य से सर्वाधिक 3 लाख से अधिक जॉब कार्ड हटाए गए हैं. जबकि, बिहार और ओडिशा से भी भारी संख्या में जॉब कार्ड को रद्द किया गया है. वहीं, भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए कार्यस्थल पर मौजूद श्रमिकों की दो बार फोटो जियो टैगिंग की जा रही है.
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार वित्तवर्ष 2024-25 के दौरान 34 राज्यों में 15,12,864 सक्रिय श्रमिकों के जॉब कार्ड को हटाया गया है. ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान ने राज्य सभा में एक जवाब में यह जानकारी दी. बताया गया कि महात्मा गांधी नरेगा मजदूरी रोजगार योजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित राज्य, केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों की है. जॉब कार्डों का अपडेट करना, हटाना राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किया जाने वाला एक नियमित कार्य है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्तवर्ष 2024-25 में देशभर में 15,12,864 नरेगा जॉब कार्ड हटाए गए हैं. जबकि, इससे पहले 2023-24 में हटाए गए जॉब कार्ड की संख्या 34,84,691 थी और उससे पहले 2022-23 में 54,55,513 जॉब कार्ड सिस्टम से हटाए गए थे. बताया गया कि जॉब कार्ड का हटाया जाना मुख्य रूप से नकली, डुप्लिकेट, गलत जॉब कार्ड, परिवार का ग्राम पंचायत से स्थायी रूप से स्थानांतरित हो जाना, ग्राम पंचायत को शहरी के रूप में वर्गीकृत कर देने आदि कारणों से होता है.
मौजूदा वित्तवर्ष 2024-25 में सर्वाधिक 3.79 लाख जॉब कार्ड असम से हटाए गए हैं. इसके बाद बिहार से 2.51 लाख जॉब कार्ड हटाए गए हैं. ओडिशा से 2.22 लाख और झारखंड के 1.51 लाख जॉब कार्ड हटाए गए हैं. कहा गया है कि हटाए गए जॉब कार्ड को ग्राम पंचायत, ग्राम सभाओं में सत्यापन के लिए चस्पा किया जाए. ताकि, श्रमिकों को अपील का अधिकार इस्तेमाल करने का मौका मिल सके.
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्यों में महात्मा गांधी नरेगा के कार्यान्वयन में अधिक पारदर्शिता के लिए निर्णय लिया है कि राज्य नरेगा कार्यस्थल पर एक दिन में कार्यकर्ता की जियो-टैग की गई दो टाइम मुहर लगी तस्वीरों के साथ राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करना सुनिश्चित करेंगे. यदि कार्यस्थल नेटवर्क कवर्ड एरिया में नहीं है या किसी अन्य नेटवर्क समस्या के चलते उपस्थिति अपलोड नहीं की जा सकी है, तो उपस्थिति को ऑफलाइन मोड में दर्ज किया जा सकता है और डिवाइस के नेटवर्क कवर्ड एरिया में आने पर अपलोड किया जा सकता है.
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