देश के कई राज्यों में पीडीएस के तहत गरीब लोगों को अनाज दिया जाता है. इसमें राशन कार्ड धारकों को फ्री में गेहूं-चावल मिलता है. ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार गरीबों को इस फ्री राशन में एक और अनाज को शामिल करने पर विचार कर रही है. दरअसल, श्रीअन्न यानी मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान के तहत मध्य प्रदेश सरकार भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में मोटे अनाज को शामिल करने की तैयारी में है. इस मोटे अनाज में मक्का को शामिल करने की योजना पर मंथन चल रहा है. लेकिन, मक्का की आपूर्ति पांच करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए कैसे की जाएगी, यह बड़ी चिंता का विषय है.
इसको लेकर कुछ साल पहले जब मक्का को पीडीएस में शामिल किया गया था, तब सरकार को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. इसके साथ ही मक्का दो से तीन महीने तक ही स्टोर करके रखा जा सकता है. यह भी सरकार के लिए एक चुनौती है. ऐसे में पीडीएस में शामिल करने से पहले अधिकारी कई पहलुओं पर विचार कर रहे हैं.
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बता दें कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा क्षेत्र में मक्का की खेती अधिक होती है. इसके अलावा प्रदेश में अन्य जगहों पर उत्पादन अधिक नहीं होता है. इसलिए, राशन में मक्का देने के लिए अधिक से अधिक सप्लाई की जरूरत होगी. सरकार इसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से आकलन करा रही है. ऐसे में मक्के की आपूर्ति दूसरे राज्यों से भी लेने पर विचार किया जा रहा है. अगर सप्लाई की परेशानी दूर हो जाए तो मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही कोटे में मक्का देने लगेगी. मोटे अनाजों को राशन में देने के पीछे इसका इस्तेमाल और खेती को बढ़ाने की योजना है. इसका आह्वान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं. अब यह काम विश्वस्तर पर चल रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर यूएन ने पिछले साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया था. मिलेट्स यानी मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए सरकार ही नहीं, अलग-अलग क्षेत्रों में भी काफी तेजी से काम हो रहा है. इसी में एक सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली यानी कि पीडीएस भी है. यह सरकार एक बड़ा सिस्टम है, जिसके जरिए लोगों को अनाज दिया जाता है. यही कारण है कि अब मध्य प्रदेश सरकार मक्का और मोटे अनाज को फ्री राशन में दिए जाने को लेकर तैयारियों में जुटी हुई है.
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