केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना छोटे व सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित हुई है. महाराष्ट्र, ओडिशा, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में सरकारें किसान प्रीमियम के रूप में केवल एक रुपये के साथ कवरेज प्रदान करके किसानों का समर्थन करने के लिए आगे आई हैं. पिछले कुछ समय में योजना के क्रियान्वयन में सुधार के प्रयास भी लगातार जारी हैं. सरकार प्रतिबद्ध है कि कृषि क्षेत्र में ऐसी योजनाओं को आगे बढ़ाएं, जिससे किसानों के लिए जोखिम कम हो व आय बेहतर हो सके. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कोशिश होना चाहिए कि किसानों की समस्या का समाधान डाटा के साथ करने में समर्थ हों. इसका विशेष ध्यान रखें कि हमारे अन्नदाता निराश नहीं हो, बल्कि उनका सरकार के प्रति विश्वास और बढ़े.
मुंडा बृहस्पतिवार को फसल बीमा योजना के तहत "किसान रक्षक हेल्पलाइन 14447 और पोर्टल", कृषि-बीमा सैंडबॉक्स फ्रेमवर्क प्लेटफार्म सारथी (SARTHI) एवं कृषि-समुदाय के लिए लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम प्लेटफार्म की शुरुआत कर रहे थे. अब फसल बीमा से संबंधित समस्याओं के लिए किसान इस हेल्पलाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं. मुंडा ने कहा कि यह गांवों का देश है, किसानों का देश है. किसानों को आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है.
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कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से संचालित योजनाओं के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. वर्तमान में कृषि क्षेत्र को ज्यादा ग्रोथ के लिए जहां निवेश की जरूरत है, वहीं प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों से होने वाले नुकसान के जोखिम को कम करने की भी आवश्यकता है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इसके लिए काफी कारगर साबित हुई है. योजना की शुरुआत से अभी तक इसमें 15 करोड़ से ज़्यादा किसान जुड़े हैं. अब तक किसानों के 29,237 करोड़ रुपये के प्रीमियम के मुकाबले 1.52 लाख करोड़ रुपये के दावों का पेमेंट किया गया है.
मुंडा ने अधिकारियों से कहा कि किसानों से डिजिटली जुड़ते हुए उन्हें आगे बढ़ाने के लिए काम करें. कृषि मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शामिल हैं. साथ ही, 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन किया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं. प्रधानमंत्री सिंचाई कार्यक्रम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, बागवानी मिशन और किसान क्रेडिट कार्ड आदि के जरिए भी किसानों की जरूरतों व लाभ के लिए काम हो रहा है. इन योजनाओं का मकसद किसानों की आय बढ़ाना व कृषि कार्यों में जोखिम कम करना है.
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