खेती-किसानी में किसानों के लिए सबसे अहम चीज है खेत की मिट्टी क्योंकि अगर मिट्टी बेहतर न हो तो किसानों की फसलें खराब होने लगती हैं और उत्पादन में गिरवाट आने लगती है. वहीं देश के किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए भारत सरकार के द्वारा कई तरह की स्कीम चलाई जाती हैं. इन्हीं स्कीम में से एक सॉइल हेल्थ कार्ड भी है, जो कमजोर और गरीब किसानों के लिए काफी लाभकारी है. वहीं इस योजना के तहत किसानों की मिट्टी की जांच की जाती है.
फिर उसी के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर किसानों को दी जाती है, जिससे किसान अपने खेत की मिट्टी की क्वालिटी के आधार पर फसल लगाकर अधिक लाभ प्राप्त करते हैं. आइए जानते हैं घर बैठे कैसे पा सकते हैं सॉइल हेल्थ कार्ड और क्या है ऑनलाइन प्रोसेस.
सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में देश के किसानो को लाभ पहुंचाने के लिए शुरू की गई है. इस योजना के अंतर्गत देश के किसानों की जमीन की मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फ़सल प्राप्त करने में सहायता दी जाएगी. सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम के तहत किसानों को एक हेल्थ कार्ड दिया जाएगा, जिसमें किसानों की जमीन की मिट्टी किस प्रकार की है, इसकी जानकारी दी जाएगी. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि किसान अपनी जमीन की मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर अच्छी फसल की खेती कर सके.
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इस योजना के तहत कोई भी किसान अपने खेत की मिट्टी की जांच करवा सकता है. इस कार्ड के जरिए किसान पता लगा सकते हैं कि मिट्टी में किन पोषक तत्वों की कमी है. साथ ही कितना पानी इस्तेमाल करना है. किस फसल की खेती करने से उन्हें ज्यादा लाभ होगा. कार्ड बन जाने के बाद किसान को मिट्टी की सेहत, उत्पादक क्षमता, मिट्टी में नमी का स्तर, क्वालिटी और मिट्टी की कमजोरियों को सुधारने के तरीकों की भी जानकारी दी जाती है.
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