महाराष्ट्र में इस साल पहले भयंकर सूखा पड़ा उसके बाद भारी बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ. इससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा. किसानों की मांग के बाद अब राज्य सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है. ओलावृष्टि और बारिश की वजह से क्षतिग्रस्त बागवानी क्षेत्रों के किसानों को 27,000 प्रति हेक्टेयर की सहायता प्रदान जाएगी. बारहमासी फसलों के लिए 36,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की घोषणा की जाएगी. कृषि योग्य खेती के लिए 13,600 रुपये प्रति हेक्टेयर की मदद दी जाएगी.
कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि किसानों के लिए यह ऐतिहासिक मदद है. किसानों को इतना मुआवजा पहले नहीं दिया गया. फसलों के नुकसान पर पहले किसानों को दो हेक्टेयर तक की मदद मिल रही थी, लेकिन अब तीन हेक्टेयर तक की मदद मिलेगी. मुंडे ने पहले प्राकृतिक आपदा से पीड़ित राज्य के किसानों को तीन हेक्टेयर की सहायता देने के निर्णय के लिए किसानों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार जताया है.
अब प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे महाराष्ट्र के किसानों को बड़ी राहत दी गई है. सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए चाहे वह खरीफ का सूखा हो या भारी बारिश या ओलावृष्टि, इस राज्य के किसान बेहद संकट में रहे हैं. चाहे वे कपास, सोयाबीन, धान, अंगूर उत्पादक हों या बहुफसली किसान हों. सबके लिए राहत की घोषणा की गई है.
मुंडे ने कहा कि यहां सोयाबीन और कपास की फसल उगाई जाती है. इसके अलावा अंतरफसल के रूप में मूंग, अरहर, उड़द की फसल उगाई जाती है. उन सभी को मौजूदा दो हेक्टेयर में से एक हेक्टेयर और बढ़ाकर सामान्य फसलों के लिए 13,600 प्रति हेक्टेयर की सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है.
मुंडे ने कहा कि आज का फैसला महाराष्ट्र में किसानों की मदद के लिए है. अब तक किसी भी सरकार ने मुआवज़े के रूप में इतनी रकम नहीं दी है. यह ऐतिहासिक फैसला है. यही नहीं अब तो राज्य सरकार सिर्फ 1 रुपये में फसल बीमा करवा रही है. इससे अब सभी किसान फसल बीमा में कवर हो गए हैं. प्रभावित किसानों को 25 प्रतिशत अग्रिम फसल बीमा का भुगतान करने का फैसला किया गया है. इससे सभी किसानों को अब एक सुरक्षा कवच मिल गया है.
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