चावल की महंगाई को देखते हुए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने कहा है कि चावल के खुदरा व्यापारी, होलसेलर और मिलर को आने वाले शुक्रवार से चावल के स्टॉक की जानकारी देनी होगी. इसका निर्देश खाद्य विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने जारी किया. इसमें बासमती, गैर बासमती, उबले और टुकड़े चावल की जानकारी देनी होगी. संजीव चोपड़ा ने कहा, चावल की महंगाई को कम रखने के लिए रिटेलर, होलसेलर और प्रोसेसर को सलाह दी जाती है कि अगले शुक्रवार से वे सरकार के पोर्टल पर स्टॉक की जानकारी दें.
चावल की अलग-अलग कैटेगरी में व्यापारियों को स्टॉक की जानकारी दी जानी है. चावल बासमती हो या गैर बासमती या टुकड़ा चावल, व्यापारियों की इसकी जानकारी जरूर देनी होगी.अगर जरूरत पड़ी तो सरकार चावल की स्टॉक लिमिट तय कर सकती है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल में चावल के दाम में 14.5 परसेंट का इजाफा हुआ है. ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि व्यापारी चावल की जमाखोरी कर रहे हैं. इसे देखते हुए सरकार ने चावल के स्टॉक की जानकारी देने के लिए कहा है. सरकार ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ी तो चावल की स्टॉक लिमिट तय की जा सकती है.
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खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि स्टॉक के इस निर्देश से व्यापारियों में एक मैसेज जाएगा कि ऐसा करना गलत साबित हो सकता है. ऐसे लोग जो बिना किसी वजह से चावल का स्टॉक जमा कर रहे हैं, वे इस कदम से बाजार में माल उतारेंगे. चावल के दाम घटाने के लिए अन्य जिन कदमों की घोषणा हुई है, उनमें भारत ब्रांड चावल भी शामिल है. सस्ते रेट पर यह चावल सरकारी एजंसियों जैसे कि नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार के जरिये बेचा जा रहा है.
इन सरकारी एजेंसियों में चावल का दाम 29 रुपये किलो रखने का निर्देश दिया गया है.सचिव ने कहा कि सरकार देश के उन हिस्सों पर फोकस कर रही है जहां चावल का भाव राष्ट्रीय स्तर से अधिक है. सरकार की कोशिश है कि फौरी कदम उठा कर चावल के दाम उन इलाकों में कम किए जाएं.
इससे पहले सरकार ने 20 जुलाई को गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था ताकि घरेलू स्तर पर इसकी सप्लाई बनी रहे. हालांकि कुछ देशों में नेशनल कॉपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड के जरिये निर्यात को अनुमति दी गई है. सरकार के विभाग डीजीएफटी ने अभी हाल में कहा था कि सरकार के आदेश पर उन देशों में निर्यात किया जा सकता है जहां खाद्य सुरक्षा के लिए इसकी जरूरत हो. सरकार की मांग पर शर्तों के साथ चावल का निर्यात किया जा सकता है.
भारत से चावल मंगाने वालों में पश्चिमी अफ्रीकी देश बेनिन सबसे ऊपर है जो गैर बासमती चावल मंगाता है. इसके अलावा यूएई, नेपाल, बांग्लादेश, चीन, कोट दी इवॉयर, टोगो, सेनेगल, गिनी, वियतनाम, जीबूती, मेडागास्कर, कैमरून, सोमालिया, मलेशिया और बाइबेरिया हैं. इससे पहले अगस्त में सरकार ने एक खास कदम उठाते हुए बासमती की फ्लोर प्राइस तय कर दी थी.
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