सरकार मधुमक्खी पालन को दे रही बढ़ावा, छह साल में शहद उत्पादन हुआ दोगुना

सरकार मधुमक्खी पालन को दे रही बढ़ावा, छह साल में शहद उत्पादन हुआ दोगुना

मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार मधुमक्खी पालकों को बढ़ावा दे रही है. मधुमक्खी पालकों और सरकार के लगातार प्रयासों की बदौलत पिछले 6 सालों में शहद उत्पादन में शानदार बढ़ोतरी हुई है. जहां वर्ष 2013-14 में शहद का उत्पादन 28.25 हजार मीट्रिक टन था, वह बढ़कर वर्ष 2020-21 में लगभग 60 हजार मीट्रिक टन हो गया है.

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सरकार मधुमक्खी पालन को दे रही बढ़ावा, छह साल में शहद उत्पादन हुआ दोगुनासरकार मधुमक्खी पालन को दे रही बढ़ावा, 6 सालों में 28.25 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 60 हजार मीट्रिक टन हुआ, फोटो साभार: twitter

मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार मधुमक्खी पालकों को बढ़ावा दे रही है. मधुमक्खी पालकों और सरकार के लगातार प्रयासों की बदौलत पिछले 6 सालों में शहद उत्पादन में शानदार बढ़ोतरी हुई है. जहां वर्ष 2013-14 में शहद का उत्पादन 28.25 हजार मीट्रिक टन था, वह बढ़कर वर्ष 2020-21 में लगभग 60 हजार मीट्रिक टन हो गया है.

इससे मधुमक्खी पालकों की आय में बढ़ोतरी होगी. वही वर्ष 2021 में इसके लिए भारत सरकार ने 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के तहत शहद मिशन के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था.

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट कर बताया है कि राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन के तहत प्रधानमंत्री का लक्ष्य छोटे किसानों को सशक्त बनाना है. भारत की लगभग 55 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण आबादी वाली है और देश तभी आगे बढ़ेगा जब ग्रामीण आबादी आगे बढ़ेगी.

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केंद्र द्वारा वित्त पोषित योजना, "राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन" का उद्देश्य क्षेत्रीय स्तर पर 5 बड़ी और 100 छोटी शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पाद परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करना है. जिनमें से 3 विश्व स्तरीय अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं. जबकि 25 छोटी प्रयोगशालाओं को स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है. 

प्राकृतिक शहद का कितना किया जा रहा है निर्यात

उन्होंने कहा कि सरकार प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए भी सहायता प्रदान कर रही है. देश में 1.25 लाख मीट्रिक टन से अधिक शहद का उत्पादन किया जा रहा है. जिसमें से 60 हजार मीट्रिक टन से अधिक प्राकृतिक शहद का निर्यात किया जाता है. वैश्विक बाजार में  बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारें वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाकर शहद के उत्पादन के लिए मधुमक्खी पालकों की क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं.

कब हुई योजना की शुरुआत और उद्देश्य

भारत सरकार ने शहद मामले में भारत की स्थिति को सुधारने और मधुमक्खी पालन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन की शुरुआत की थी. यह कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है. इस योजना को राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) के माध्यम से लागू किया गया है. इस मिशन की शुरुआत 2017 में की गई थी.

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इस योजना का उद्देश्य 'मीठी क्रांति' के लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश के वैज्ञानिकों के सुक्षाव पर मधुमक्खी पालन का विकास करना है. इसके माध्यम से देश में 30 लाख किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है और इन्हें सरकार के द्वारा वित्तिय सहायता भी प्रदान की जा रही है.

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