पराली न जलाने वाले क‍िसानों को जल्द म‍िलेगी प्रति एकड़ 1000 रुपये की सब्स‍िडी, मुख्य सच‍िव ने द‍िए न‍िर्देश

पराली न जलाने वाले क‍िसानों को जल्द म‍िलेगी प्रति एकड़ 1000 रुपये की सब्स‍िडी, मुख्य सच‍िव ने द‍िए न‍िर्देश

सुप्रीम कोर्ट द्वारा हर‍ियाणा के पराली मैनेजमेंट की तारीफ करने के बाद कृष‍ि व‍िभाग के अध‍िकार‍ियों को मुख्य सच‍िव का यह न‍िर्देश अपने आप में काफी अहम हैं. राज्य में 74 योजनाओं का लाभ अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम के तहत म‍िलेगा, नोट‍िफ‍िकेशन जारी. 

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पराली न जलाने वाले क‍िसानों को जल्द म‍िलेगी प्रति एकड़ 1000 रुपये की सब्स‍िडी, मुख्य सच‍िव ने द‍िए न‍िर्देशक‍िसानों को पराली मैनेजमेंट सब्स‍िडी जल्द देने के न‍िर्देश.

पराली को लेकर बढ़ते व‍िवाद के बीच हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कृषि विभाग के अधिकारियों को एक बड़ा न‍िर्देश द‍िया है. उन्होंने पराली मैनेजमेंट के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को तुरंत सब्सिडी देने के न‍िर्देश द‍िए. पराली नहीं जलाने वाले किसानों को सरकार प्रति एकड़ 1000 रुपये की मदद देती है. कौशल ने धान की सीधी बुआई तकनीक अपनाने वाले पात्र किसानों को 1,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से निर्धारित सब्सिडी भी समय पर जारी करने के निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा पराली मैनेजमेंट की तारीफ करने के बाद यह न‍िर्देश अपने आप में काफी अहम हैं. इसके अलावा हरियाणा के किसानों के लिए परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत भी लाभ दिया जाना सुनिश्चित करने को कहा है. 

मुख्य सचिव ने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को बायोफर्टिलाइजर, बायोपेस्टिसाइड, वर्मीकॉम्पोस्ट, बॉटेनिकल एक्सट्रैक्ट आदि जैसे इनपुट के लिए 50,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता दी जाती है. इसमें से 62 प्रतिशत राशि किसानों को डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जाती है. इस तरह की योजनाएं किसानों को बायोफर्टिलाइजर का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं और उनकी खरीद पर अनुदान भी प्रदान करती हैं. इसके साथ ही किसानों के लिए बायोफर्टिलाइजर के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.  

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डीबीटी से म‍िलेगा 74 योजनाओं का लाभ

कौशल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित विभिन्न विभागों की 83 योजनाओं में से 74 योजनाओं का लाभ देना डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम के अंतर्गत नोट‍िफाई कर द‍िया गया है. इन्हें आधार कार्ड से भी जोड़ा गया है. इन योजनाओं को परिवार पहचान पत्र से संचालित किया जाएगा. मुख्य सचिव ने बुधवार को चंडीगढ़ में एडवाईजरी बोर्ड की तीसरी बैठक में डीबीटी योजनाओं की समीक्षा की. उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2014-15 से 2022 -23 तक राज्य सरकार ने कुल 3,674,833 अयोग्य और डुप्लीकेट लाभार्थियों की सफलतापूर्वक पहचान की है. इससे 7822 करोड़ 69 लाख रुपये की बचत हुई है.

पर‍िवार प‍हचान पत्र से म‍िलेगा योजनाओं का लाभ

मुख्य सचिव ने कहा कि कौशल विकास, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, कृषि, आयुष विभाग की 9 योजनाएं डीबीटी में शामिल नहीं की गई हैं. इन्हें भी एक सप्ताह में डीबीटी में शामिल किया जाएगा ताकि राज्य की सभी योजनाओं का लाभ डीबीटी के माध्यम से दिया जाना सुनिश्चित किया जा सके. इसके अलावा सभी योजनाएं परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ही संचालित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अब तक 26 विभागों की 141 डीबीटी योजनाएं राज्य डीबीटी पोर्टल पर अपलोड कर दी गई हैं.  इन 141 योजनाओं में 83 राज्य योजनाएं एवं 58 केंद्र प्रायोजित योजनाएं (सीएसएस) शामिल हैं.  

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