वर्तमान में खेती और किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती मौसम और बारिश के पैटर्न में बदलाव को माना जा रहा है. इसके कारण अपर्याप्त बारिश हो रही है और सिंचाई के लिए फसलों को पानी नहीं मिल पाता है. समय से पहले ही पानी के पारंपरिक स्त्रोत जैसे कुएं और तालाब सूख जा रहे हैं. किसानों को समय पर सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिला रहा है. समुचित जल संरक्षण के तरीकों को अपनाए बिना ही ग्राउंड वाटर का अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है. ऐसे में कृषि के लिए पानी बचाना बहुत जरूरी हो गया है. नई तकनीकों को अपनाकर पानी की बचत की जा सकती है.
टपक सिंचाई प्रणाली ऐसी प्रणाली है जिसमें बहुत कम पानी में अच्छी फसल हासिल की जा सकती है. इस पद्धति से 75 फीसदी तक पानी की बचत होगी. यह इतनी शानदार तकनीक है कि इसमें पानी की हर एक बूंद का इस्तेमाल होता है. वर्तमान समय में किसानों को जिस तरह से पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में यह प्रणाली किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. इससे किसानों को पानी की बचत हो रही है और वे एक से अधिक फसलों की तरफ रुख कर रहे हैं. अच्छी बात ये है कि इस तकनीक को अधिक किसानों तक पहुंचाने के लिए, उनकी पहुंच में लाने के लिए विशेष सब्सिडी दी जा रही है.
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दरअसल बिहार में अपने खेत में निजी नलकूप लगाने पर 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. जबकि बोरिंग और मोटर लगाने पर भी 50 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है. बता दें कि बोरिंग और मोटर लगाने में लगभग 80 हजार रुपये का खर्च आता है. इसमें लगभग 40 हजार रुपये की सब्सिडी मिलती है. हालांकि सब्सिडी का लाभ सिर्फ उन किसानों को ही दिया जाएगा जो किसान अपने खेत में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगावाएंगे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप इरिगेशन या मिनी स्प्रिंकलर प्रणाली लगवाने पर किसानों को 80 फीसदी तक अनुदान दिया जाता है.
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सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है. 'पहले आओ पहले पाओ' की तर्ज पर ही किसानों को योजना का लाभ मिलता है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहते ड्रिप लगाने के किसानों को प्रति एकड़ लगभग 16 हजार रुपये देना पड़ता है और स्प्रिंकलर लगाने के लिए 12500 रुपये देना पड़ता है. बाकी की राशि सरकार के द्वारा दी जाती है. इस योजना में किसान उस एजेंसी का चयन खुद कर सकते हैं, जो एजेंसी उनके खेत में ड्रिप या स्प्रिंकलर लगाएगी. इसका फायदा यह होता है कि किसानों को अपनी पसंद से कंपनी चुनने का मौका मिलता है. योजना का लाभ लेने के लिए बिहार के किसान horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
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