बढ़ती महंगाई जो न कराए. कभी 20-30 रुपये या उससे भी सस्ता बिकने वाला टमाटर अब 120 रुपये का आंकड़ा पार कर गया है. आम जनता इस रेट से तंग आ गई है. जो लोग पहले किलो में टमाटर खरीदते थे, वे आज पाव भर में टमाटर खरीद रहे हैं. पूरे देश में लगभग यही हाल है. रेट से परेशान लोगों को राहत देने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने एक नई पहल शुरू की है. सरकार ने प्रदेश के लोगों को सब्सिडी रेट पर 50 रुपये की दर से टमाटर बेचने का फैसला किया है. अभी यह सुविधा कुछ जिलों में शुरू की गई है जिसे आने वाले समय में पूरे प्रदेश में लागू किया जा सकता है.
टमाटर की आसमान छूती कीमतों के बीच उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने 50 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर टमाटर बेचने की पहल की है. यह योजना कडप्पा और कुरनूल चुनिंदा रायथू बाज़ारों में शुरू की गई है. बाद में इसे राज्य के सभी जिलों को शामिल करने के लिए एक योजना बनाई गई है.
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टमाटर की कीमतों में तेज बढ़ोतरी का कारण मांग और सप्लाई के बीच भारी अंतर है. यह अंतर इसलिए हुआ है क्योंकि जिन प्रदेशों में टमाटर की उपज होती है, वहां बेमौसम बारिश ने उत्पादन को बड़े स्तर पर प्रभावित किया है. इस स्थिति से निपटने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार मदनपल्ले बाजार में मांग और आवक के आधार पर टमाटर खरीद रही है. मदनपल्ले बाजार में टमाटर की बहुत अधिक पैदावार होती है. सरकार का कहना है कि आने वाले दिनों में सभी जिलों के रायथू बाज़ारों में टमाटर की सप्लाई दुरुस्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
खुले बाजार में टमाटर की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार रियायती दर पर उपभोक्ताओं को टमाटर बेच रही है. इसके लिए सरकार प्रदेश के रायथू बाजारों से डिमांड का हिसाब लेती है और उसी हिसाब से टमाटर खरीदती है. फिर इसी टमाटर को लोगों को बेचा जाता है. आम लोगों के बेचे जाने वाले टमाटर की मात्रा को लेकर सरकार ने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है.
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टमाटर की बिक्री के बारे में रायथू बाज़ार के सीईओ नंद किशोर ने लोगों को बताया कि रायथू बाज़ार में सब्सिडी वाले टमाटरों की उपलब्धता के बारे में जानकारी एक दिन पहले दी जाएगी. ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि लोग टमाटर खरीदने से वंचित न रह सकें और लोगों को जरूरत के हिसाब से टमाटर भी मिल जाए. आंध्र प्रदेश सरकार का कहना है कि उसने लोगों को महंगाई से राहत देने और आवश्यक वस्तुओं के रेट में बेतहाशा वृद्धि पर रोक लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसमें एक कदम सब्सिडी पर टमाटर की बिक्री भी है.
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