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फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त अवसर: शिवराज सिंह चौहान

फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त अवसर: शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किसानों और कृषि क्षेत्र का हित सर्वोपरि है और केंद्र सरकार राज्यों को हर तरह से पूरी सहायता प्रदान करती रहेगी. उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि राज्यों में नवाचार हो रहे हैं, जिसे अन्य राज्यों तक भी पहुंचाना चाहिए, ताकि देशभर के किसानों को इनका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके.

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कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

देश में कृषि क्षेत्र की तीव्र प्रगति के उद्देश्य से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यवार चर्चाओं की शुरुआत की है, जिसके तहत केंद्रीय मंत्री  चौहान के साथ आज नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कृषि मंत्रियों की बैठक हुई. उ.प्र. के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और म.प्र. के कृषि मंत्री ऐंदल सिंह कंसाना के नेतृत्व में उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने अपने-अपने राज्यों में कृषि क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा की.

इस दौरान चौहान ने कहा कि फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्यों में पर्याप्त अवसर है, केंद्र सरकार के स्तर पर इसके लिए हरसंभव सहायता की जाएगी. चौहान ने कहा कि इन विषयों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जोर दिया है.

क्या कहा केंद्रीय कृषि मंत्री ने?

केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किसानों और कृषि क्षेत्र का हित सर्वोपरि है और केंद्र सरकार राज्यों को हर तरह से पूरी सहायता प्रदान करती रहेगी. उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि राज्यों में नवाचार हो रहे हैं, जिसे अन्य राज्यों तक भी पहुंचाना चाहिए, ताकि देशभर के किसानों को इनका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके. चौहान ने कहा कि उ.प्र. में फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की भरपूर संभावनाएं हैं.

आयल पाम की खेती के सहित दलहन-तिलहन उत्पादन को और बढ़ावा देने की जरूरत है. उन्होंने दोहराया कि केंद्र, म.प्र. सहित सभी राज्यों में उड़द, अरहर और मसूर की शत-प्रतिशत खरीद के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए उन्होंने राज्यों से संबंधित पोर्टल पर पंजीयन करने के लिए किसानों को प्रचार-प्रसार कर जागरूक करने को कहा.

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बैठक में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने, सूचना प्रौद्योगिकी के अधिकाधिक उपयोग, डिजिटल फसल सर्वेक्षण, किसान रजिस्ट्री, ई-नाम, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मजबूत बनाने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और कृषि यंत्रीकरण सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा सहित मंत्रालय और दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.

पिछले महीने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद से चौहान ने अपने मंत्रालयों से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करने और उन्हें शीघ्रता से हल करने के लिए राज्यों के मंत्रियों के साथ बैठकों की श्रृंखला शुरू की है. केंद्रीय मंत्री  चौहान ने पिछले दिनों असम और छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्रियों से बैठक कर विस्तृत चर्चा की थी.