हरियाणा में पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है. इस कार्रवाई का शिकार केवल किसान ही नहीं हो रहे बल्कि कृषि अधिकारियों पर भी गाज गिर रही है. हरियाणा के प्रमुख खेती-बाड़ी वाले जिले करनाल में मंगलवार को प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया और एकमुश्त 24 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक राजनारायण कौशिक ने चालू कटाई सीजन के दौरान अपने-अपने क्षेत्रों में पराली जलाने पर नियंत्रण पाने में कथित रूप से नाकाम रहने पर 24 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
हालांकि आधिकारिक निलंबन आदेश में स्पष्ट रूप से कारण नहीं बताया गया है, लेकिन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि मामला पराली जलाने को लेकर है. करनाल के इलाके में पराली जलाने की स्थिति को नियंत्रित करने में उनकी नाकामी के कारण उन्हें निलंबित किया गया है.
'दि ट्रिब्यून' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने पुष्टि की कि अधिकारियों का निलंबन पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में लापरवाही से जुड़ा है. उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, "पराली जलाने के लिए किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, और इसे रोकने के अपने काम में नाकाम रहने वाले अधिकारियों पर भी यही कार्रवाई की जाती है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए, हम इन घटनाओं को रोकने के लिए हर कदम उठा रहे हैं. हरियाणा इस मुद्दे को सुलझाने के लिए पूरी लगन से काम कर रहा है." उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य भर में 3,000 एफआईआर दर्ज की गई हैं.
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निलंबित अधिकारियों में पानीपत, जींद, हिसार और सोनीपत जिलों से दो-दो, कैथल, करनाल, फतेहाबाद और अंबाला से तीन-तीन अधिकारी शामिल हैं. कुरुक्षेत्र में सबसे अधिक निलंबन दर्ज किए गए, जहां चार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "प्रशासनिक आधार पर चौबीस अधिकारियों को निलंबित किया गया है. कुछ लोग पराली जलाने पर रोक लगाने वाले काम से गैर-हाजिर थे, जबकि अन्य अपने क्षेत्रों में स्थिति को संभालने में नाकाम रहे. जबकि पराली जलने के इलाकों में आग की घटनाओं की संख्या चिंताजनक रूप से अधिक पाई गई थी."
सरकारी प्रयासों के बावजूद पराली जलाने की घटनाओं में तेजी देखी जा रही है. तमाम कोशिशों के बाद भी आग लगाने की घटनाएं बढ़ रही हैं जबकि इससे पर्यावरण को भारी नुकसान होता है. लोगों की सेहत के साथ भी खिलवाड़ होता है. 15 सितंबर से 22 अक्टूबर तक के सैटेलाइट डेटा के अनुसार, हरियाणा में 665 सक्रिय आग वाले स्थान (एएफएल) दर्ज किए गए हैं. कैथल में सबसे ज़्यादा 129 मामले हैं, उसके बाद कुरुक्षेत्र (93), अंबाला (74) और करनाल (71) हैं.
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