छत्तीसगढ़ में उन्नत ग्राम अभियान के तहत 32 फीसदी जनजातीय आबादी वाले 6 हजार से ज्यादा गांवों को उन्नत Civic Amenities मिलेंगी. राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने इस योजना के तहत आदिवासी बहुल 6791 गांवों काे चिन्हित कर इन्हें बिजली, सड़क, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से लैस करने का प्लान लागू कर दिया है. गौरतलब है कि देश के जनजातीय बहुल गांवों को समग्र विकास के साथ बेहतर सुविधाएं देने के लिए 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर ग्राम उत्थान अभियान शुरू हो गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के हजारीबाग से इसकी शुरूआत की है. इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की लखपति दीदी मानकुंवर बाई और उनके परिजनों ने पीएम मोदी से मुलाकात की. इस अभियान में चयनित गांवों में Infrastructural Reforms के अलावा ग्रामीणों का आर्थिक सशक्तिकरण करते हुए शिक्षा और स्वास्थ्य के मानकों को भी शामिल किया गया है. यह योजना देश के 63 हजार जनजातीय बहुल गांवों में चलाई जाएगी. इनमें 6791 गांव छत्तीसगढ़ में हैं.
केंद्र सरकार ने आदिवासी बहुल गांवों और Aspirational Districts में जनजातीय परिवारों के लिए परिपूर्णता लक्ष्य को अपनाकर इनकी Social and Economical Upliftment के लिए 9,156 करोड़ रुपये से उन्नत ग्राम अभियान शुरू किया है. केन्द्र और राज्य सरकारों के सहयोग से क्रियान्वित हो रही इस योजना में छत्तीसगढ़ की लगभग 32 प्रतिशत जनजातीय आबादी को उन्नत नागरिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा.
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गौरतलब है कि इस मुहिम के तहत केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा. इस मुहिम में देश के 549 आदिवासी बहुल जिलों के 63 हजार गांवों में रह रहे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा.
उन्नत ग्राम अभियान में सरकार ने आदिवासी बहुल गांवाें का कायाकल्प करने के लिए 25 कार्यक्रमों काे शामिल किया है. इन कार्यक्रमों को 17 मंत्रालयों द्वारा लागू किया जाएगा. प्रत्येक मंत्रालय अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत उन्हें आवंटित की गई धनराशि से अगले 5 वर्षों में समयबद्ध तरीके से इन कार्यक्रमों को लागू करेंगे.
इसके तहत बुनियादी ढांचे का विकास करते हुए अनुसूचित जनजाति के पात्र परिवारों को पीएम आवास योजना (PMAY ग्रामीण) के तहत नल से जल और बिजली की उपलब्धता के साथ पक्के आवास मिलेंगे. इन परिवारों को आयुष्मान भारत कार्ड से भी जोड़ा जाएगा. चयनित गांवों को बेहतर सड़क संपर्क के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों से जोड़ा जाएगा. इतना ही नहीं भारत नेट परियोजना के अंतर्गत Mobile Connectivity और Internet Service से भी लैस करते हुए इन गांवों में स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा.
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सरकार की ओर से बताया गया कि आदिवासी समुदायों का शिक्षा के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण किया जाएगा. इसके तहत इन वर्गों के छात्र छात्राओं को हर साल 10वीं और 12वीं कक्षा के बाद दीर्घकालिक कौशल पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जाएगा.
इसके अलावा, Multipurpose Marketing Canter के माध्यम से विपणन सहायता, पर्यटक गृह बनाए जाएंगे. साथ FRA पट्टाधारकों को कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए सहायता प्रदान की जाएगी. इन गांवों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के लिए School and Higher Education में नामांकन अनुपात को राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाया जाएगा. साथ ही जिला एवं ब्लॉक स्तर पर स्कूलों में जनजातीय छात्रावास शुरू कर आदिवासी छात्रों को बेहतर शिक्षा दी जाएगी.
इसी तरह जनजातीय परिवारों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं देकर शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा. इसके लिए मैदानी क्षेत्रों के जिन गांवों में स्वास्थ्य उपकेंद्र 10 किमी और पहाड़ी क्षेत्रों में 5 किमी से अधिक दूरी पर हैं, वहां Mobile Medical Unit के माध्यम से टीकाकरण की सुविधा दी जाएगी.
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