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Dausa Expressway: उद्घाटन में गहलोत का दांव, PM से ERCP को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट बनाने की मांग

Dausa Expressway: उद्घाटन में गहलोत का दांव, PM से ERCP को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट बनाने की मांग

दौसा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया. इस मौके पर गहलोत ने एक बार फिर उस प्रोजेक्ट को आगे कर दिया, जिससे पूर्वी राजस्थान की 3 करोड़ से ज्यादा जनता जुड़ी है. ये प्रोजेक्ट है ERCP, जिसके तहत 13 जिलों में सिंचाई और पेयजल के लिए कैनाल बनाया जाना है.

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अशोक गहलोत (फाइल फोटो) अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौसा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के उद्घाटन करने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में एक बार फिर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) का मुद्दा उठाया. गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दे. गहलोत वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पीएम के कार्यक्रम से जुड़े थे और अपने संबोधन के दौरान उन्होंने राजस्थान के सड़क प्रबंधन और जीडीपी के बारे में जानकारी देने के बाद आखिर में पीएम से ERCP को राष्ट्रीय परियोजना बनाने की मांग दोहराई.

गहलोत ने कहा कि ईआरसीपी को लेकर मैं पीएम मोदी से आग्रह करता हूं कि वह इसको राष्ट्रीय परियोजना बनाएं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में पानी एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है और 13 जिलों की प्यास बुझाने वाली इस योजना को केंद्र सरकार गंभीरता से लेकर इसे राष्ट्रीय दर्जा दे.

वहीं गहलोत ने ERCP को लेकर पीएम मोदी के जयपुर और अजमेर में दिए गए पुराने बयानों का हवाला देते हुए कहा कि आपने ईआरसीपी को लेकर सकारात्मक रूख अपनाने का कहा था. गहलोत ने कहा कि आज पीएम जिस जिले में सभा कर रहे हैं वह जिला भी इस परियोजना के अंतर्गत आता है. इस दौरान पीएम के साथ मंच पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी सहित बीजेपी नेता मौजूद रहे.

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ERCP पर बोले प्रधानमंत्री मोदी
 

गहलोत ने मुद्दा उठाया तो पीएम मोदी ने भी इस पर अपनी बात मौके पर ही कह दी. पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पानी की समस्या खत्म करने के लिए ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है. इससे जुड़ी समिति ने इसे प्राथमिकता सूची में लिया है. जैसे ही राजस्थान और मध्यप्रदेश की सरकारों के बीच जल बंटवारे को लेकर समझौता हो जाएगा. उसके बाद केंद्र सरकार उस पर गंभीरता से विचार करेगी.

ERCP पर होती रही है राजनीति

 

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) 13 जिलों से संबंधित है. ये जिले भरतपुर, अलवर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर, टोंक, बारां, बूंदी, कोटा, अजमेर और झालावाड़ हैं. लिहाजा इस प्रोजेक्ट को लेकर राजनीति भी होती रही है. राजस्थान की कुल 200 में से आधी से कुछ कम 83 विधानसभा सीटें इन 13 जिलों में ही आती हैं. खास बात ये है कि इन जिलों में करीब 3 करोड़ लोग रहते हैं, जो राजस्थान की कुल आबादी का 41.13 प्रतिशत है. ये जिले प्रदेश के हाड़ौती, मेवात, ढूंढाड़, मेरवाड़ा और ब्रज क्षेत्र में आते हैं. पिछले चुनाव में इन 13 जिलों की 83 विधानसभा सीटों में से 51 सीटों को कांग्रेस ने जीता था. साथ ही कुछ और सीट पर उसके समर्थित निर्दलीय, बहुजन समाज पार्टी (BSP) और अन्य पार्टियों का कब्जा है. 

वहीं, सात जिलों में कांग्रेस बहुत अच्छी स्थिति में है. अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा जिले में 39 विधानसभा सीटें हैं. 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने 25 सीटें इन जिलों में जीती थी. बाकी पांच बीएसपी, चार निर्दलीय और एक आरएलडी के खाते में गई. 

3 करोड़ लोगों को ERCP का इंतजार है

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) का पूर्वी राजस्थान के 3 करोड़ लोगों को इंतजार है. इससे 13 जिलों को सिंचाई और पेयजल की सुविधा दी जानी है और 2051 तक इन जिलों को पानी की आपूर्ति होनी है. ईआरसीपी के धरातल पर उतरने से 2.02 लाख हेक्टेयर नई सिंचित भूमि बनेगी. साथ ही इन जिलों में पहले से बने 26 बांधों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा. इससे 80,878 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है. इस तरह कुल 2.80 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की सुविधा विकसित होगी. इस काम को सात साल में पूरा होना है.

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