कृषि क्षेत्र में महिलाएं परंपरागत ढंग से जुताई, बीज बुवाई, फसल सिंचाई, निराई-गुड़ाई, खरपतवार और फसल कटाई जैसे अनेक कामों में अपनी भूमिका निभाती हैं. महिलाओं की इसी भूमिका के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले बजट में महिला किसान श्रमिकों के कौशल विकास और क्षमता निर्माण के लिए ट्रेनिंग दिलाने की घोषणा की थी. इसी घोषणा को पूरा करने के लिए प्रदेश में 15 जनवरी 2023 तक भूमिहीन कृषि श्रमिकों को राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी.
ये ट्रेनिंग पंचायत स्तर पर दी जाएंगी. साथ ही इस मिशन के तहत दो लाख भूमिहीन महिला कृषक श्रमिकों को दो चरणों में कृषि यंत्र दिए जाएंगे.
राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन के बारे में कृषि आयुक्त कानाराम ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मिशन के तहत भूमिहीन कृषि श्रमिकों को कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण के लिए राज्य की 352 पंचायत समितियों में एक हजार 667 प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएंगे. इन शिविरों में 50 हजार कृषि श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. इसमें से अब तक विभिन्न पंचायत समितियों में 507 प्रशिक्षण शिविरों से 15 हजार 210 महिला श्रमिकों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है.
आयुक्त कानाराम ने बताया कि भूमिहीन कृषि श्रमिकों को प्रशिक्षण शिविर में 6 विधाओं का आवश्यकता के आधार पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसमें कृषि यंत्रों के उपयोग व संधारण (हस्तचलित एवं अर्द्धयांत्रिकी), उन्नत बागवानी तकनीक, संरक्षित संरचनाओं का संधारण, पॉली हाऊस, ग्रीन हाऊस, शेडनेट, पौध संरक्षण यंत्रों का उपयोग व रखरखाव, जैविक आदान निर्माण की वैज्ञानिक विधियां और फल व सब्जी परिरक्षण विषयों पर मौखिक और प्रेक्टिकल ट्रेनिंग दी जा रही है.
इस मिशन के तहत प्रथम चरण में वर्ष 2022-23 में 50 हजार भूमिहीन महिला कृषि श्रमिकों को कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ही एक लाख भूमिहीन श्रमिकों को हस्तचालित कृषि यंत्र दिए जाएंगे. ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें. इसके अगले साल 2023-24 में बची हुई एक लाख महिला श्रमिकों को प्रशिक्षण एवं कृषि यंत्र दिए जाएंगे. यंत्रों के लिए 5 हजार रुपए प्रति परिवार के हिसाब से सब्सिडी दी जाएगी. ट्रेनिंग और कृषि यंत्रों के लिए राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपए बजट रखा है.
राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन के तहत कृषि कार्यों में भूमिहीन महिला श्रमिकों को प्रशिक्षण एवं कृषि यंत्रों से लाभान्वित करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर समिति का गठन किया गया है. इन महिलाओं का ग्राम पंचायत के सरपंच, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी व कृषि पर्यवेक्षक द्वारा चयन किया गया हैं. समिति द्वारा 4 ग्राम पंचायतों से 30 कृषि श्रमिकों का चयन कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
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