पंजाब के किसानों के माथे पर प्रदूषण फैलाने का कलंक लगता है क्योंकि पंजाब और हरियाणा में सबसे ज्यादा धान की खेती होती है. इन दोनों प्रदेशों में सबसे ज्यादा धान के सीजन में पराली जलाई जाती है. पराली से निकलने वाले धुएं के चलते दिल्ली का दम घुटने लग जाता है, लेकिन अब इस बार पंजाब में पिछले सालों के मुकाबले पराली को आग कम लगेगी.
पंजाब सरकार ने अब तक 117000 टन धान की पराली जलने से बचाने और उसे जमीन में मिक्स कर गेहूं बिजाई के लिए अलग-अलग तरह की मशीन सब्सिडी पर किसानों को दी है. इन मशीनों में सुपर सीडर, स्मार्ट सीडर, जीरो ड्रिल जैसी मशीनें हैं. इन मशीनों के साथ गेहूं की बिजाई भी धान की पराली के बीच की जा सकती है.
सरकार ने धान की पराली को खेत से उठाकर गांठें बनाने के लिए बेलर मशीन पर बड़ी सब्सिडी है. पंजाब सरकार ने इस सीजन के लिए 25000 नई मशीनें किसानों को सब्सिडी पर देने के लिए 350 करोड़ रुपये का बजट रखा है. इस बजट का पैसा किसानों को बांटने के साथ ही सब्सिडी और मशीनों पर खर्च किया जाएगा ताकि पराली जलाने की नौबत न आए. इससे प्रदूषण रोकने में मदद मिलेगी.
धान के खेत में पराली को आग लगने से बचाने के लिए किसान भी आगे आ रहे हैं. इस काम में संगरूर के मलेरकोटला के दो दोस्त जिन्हें बेलर ब्रदर्स कहा जाता है, वे बड़े काम में लगे हैं. इन दोनों भाइयों ने परदेस में नौकरी का सपना छोड़कर खेती शुरू की है और वे आज 70 लोगों को रोजगार दे रहे हैं.
खेतों से धान की पराली को इकट्ठा किया जा रहा है. मलेरकोटला के किसानों का कहना है कि पहले उनके पास पराली नहीं जलाने का कोई साधन नहीं था. खेत में से पराली को इकट्ठा करने की नई तकनीक की मशीन आ गई है. किसानों का कहना है कि सरकार भी मदद कर रही है और उनके खेतों से फ्री में पराली उठाई जा रही है. किसान कहते हैं कि दो साल से आग की घटना कम हुई है.
इस काम में बेलर ब्रदर्स आगे आए हैं और खुद के साथ अन्य किसानों को भी मदद दे रहे हैं. इन दोनों भाइयों ने मिलकर एक महीना में 800 एकड़ से ज्यादा खेतों से पराली उठाई है. इन बेलर ब्रदर्स का कहना है कि इस पराली से उन्हें 15 लाख रुपये तक का मुनाफा हुआ है. बाकी किसान भी इसी राह पर चल रहे हैं.
इन दोनों भाइयों का कहना है कि मुनाफे के पैसे से उन्होंने पराली को निपटाने वाली मशीन खरीदी जिसमें पंजाब सरकार से सात लाख रुपये की सब्सिडी मिली. अब दोनों भाई अन्य किसानों की मदद करते हुए पराली से अच्छी कमाई कर रहे हैं. उन्होंने 70 लोगों को रोजगार दिया है और आगे उनकी कमाई 40 लाख रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है.
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