झारखंड के सुदूरवर्ती गांव भी शहरों से जुड़ जाएंगे. गावों को शहरो से जोड़ने के लिए राज्य में मुख्यमंत्री गाड़ी ग्राम योजना की शुरुआत की गई है. इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की पहुंच आसानी से शहरों तक हो जाएंगी. इसका फायदा यह होगा कि उन्हें अस्पताल या स्कूल कॉलेज जाने में परेशानी नहीं होगी साथ ही सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए वो आसानी से जिला मुख्यालयों तक जा पाएंगे और अपने शाम में अपने घर वापस लौट पाएंगे. योजना के तहत राज्य सरकार उन ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन की सुविधा उपलब्ध कराएगी जहां से वाहन पकड़ने के लिए ग्रामीणों को कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.
यह एक ऐसी योजना है जिसके जरिए शहरों और गांवों की दूरी को कम करने का प्रयास किया जा रहा है. अब गांव तक वाहन की सुविधा मिलने से ग्रामीणों को पैदल नहीं चलना पड़ेगा और उनकी समय की बचत होगी. इस योजना का लाभ खासकर उन ग्रामीणों को मिलेगा जिन्हें शहर तक आने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था. योजना के राज्य में क्रियान्वयन को लेकर राज्य में अब बैठकों का दौर शुरु हो गया है. मुख्यमंत्री गाड़ी ग्राम योजना को लागू करने को लेकर पलामू में बैठक आयोजित की गई. पलामू क्षेत्रीय प्राधिकार के सचिव अनवर हुसैन ने बस ऑनर एसोसियेशन और बस मालिकों के साथ बैठक की.
इस योजना के तहत छात्रों, महिलाओं, दिव्यांगजनों, बुजुर्गों को झारंखंड आंदोलनकारियों को किराया में रियायत दी जाएगी. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में बस चलाने पर बस मालिकों को टैक्स मं छूट मिलेगी. वाहन मालिक सिर्फ एक रुपये का रजिस्ट्रेशन कराकर पांच साल के लिए रोड परमिट ले सकेंगे. सूत्रों के प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना लागू होने के पहले चरण में 500 वाहन मालिकों को शामिल किया जाएगा. इसके लिए जिला और प्रखंड स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा. लोगों को आवाजाही में आसानी हो इसके लिए बस स्टैंड बनाए जाएंगे.
योजना को लागू करने को लेकर बोकारो में भी समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में प्रखंड स्तर पर तैयार किए गए रूट की समीक्षा की गई. साथ ही सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को रूट चार्ट बनाकर प्रस्ताव देने के लिए कहा गया है. इस योजना का फायदा उन किसानों को भी होगा जो अपने उत्पाद को बेचने के लिए शहर तक नहीं ले जा पाते हैं. गांव से आवागमन सुविधा होने पर अब वो अपने उत्पाद शहर तकले जा सकेंगे इससे उन्हें अच्छे दाम मिलेंगे.
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