बिहार सरकार के सहकारिता विभाग की ओर से चल रही "बिहार राज्य फसल सहायता योजना" के तहत खरीफ मौसम 2024 के लिए पात्र किसानों के आंकड़ों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस योजना तहत सबसे अधिक आवेदन पूर्वी चंपारण जिले से मिले हैं, जहां करीब 9 लाख 59 हजार 502 किसानों ने आवेदन किया, जबकि पूर्वी चंपारण से 1 लाख 50 हजार 878 किसानों ने फसल सहायता योजना के तहत सरकारी सब्सिडी के लिए आवेदन किया है. इसके साथ ही रबी 2024-25 मौसम के लिए भी किसानों से आवेदन लिए जाने की शुरुआत हो चुकी है.
बता दें कि ‘बिहार राज्य फसल सहायता योजना’ के लिए आवेदन प्रक्रिया 7 सितंबर 2024 से 18 नवंबर 2024 तक चली, जिसमें राज्य भर से कुल 9,59,502 किसानों ने आवेदन किया. वहीं, बीते दिनों सहकारिता विभाग द्वारा इस योजना के तहत खरीफ 2024 को लेकर चयनित पंचायत के किसानों को दस्तावेज जल्द से जमा करने की बात कही गई थी.
सहकारिता विभाग की ओर से जारी फसल सहायता योजना के तहत खरीफ 2024 के लिए चयनित पंचायतों में सबसे अधिक आवेदन, जहां पूर्वी चंपारण जिले से मिले. वहीं, भागलपुर से 86,554, सीतामढ़ी से 79,832 और भोजपुर जिले से 61,335 किसानों ने आवेदन मिले हैं. वहीं, सबसे कम आवेदन अरवल जिले से मात्र 15, रोहतास से 64, नवादा से 232 तथा बक्सर से 355 किसानों ने आवेदन किया.
फसल उपज दर के आधार पर राज्य के 1061 ग्राम पंचायतों के 2,66,023 किसानों को योजना के तहत फसल सहायता के लिए पात्र पाया गया है. वहीं, विभागीय पोर्टल पर इन पात्र ग्राम पंचायतों की सूची अपलोड कर दी गई है और सत्यापन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है. वहीं, किसानों को अपने आवेदन से संबंधित भूमि दस्तावेज और स्वघोषणा पत्र पोर्टल या मोबाइल लिंक के माध्यम से अपलोड करना अनिवार्य किया गया है.
सहकारिता विभाग की ओर से जारी सूचना के अनुसार, रबी 2024-25 मौसम के लिए भी बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत किसानों से आवेदन लेने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है. जिसकी अंतिम तिथि 21 अप्रैल 2025 निर्धारित की गई है. किसान समय रहते आवेदन कर योजना का लाभ उठा सकते हैं.
बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत खरीफ सीजन में धान, मक्का, सोयाबीन, आलू, बैंगन, टमाटर और गोभी पर सब्सिडी दी जाएगी. रबी मौसम में गेहूं, चना, मसूर, सरसों, गन्ना, प्याज आदि फसलें अधिसूचित की गई हैं. वहीं, मखाना को भी इस योजना में शामिल करने की प्रक्रिया जारी है. इसके तहत सत्यापन पूर्ण होने के बाद पात्र किसानों को उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में सहायता राशि का भुगतान सीधे किया किया जाता है.
इस योजना के तहत किसानों को किसी भी प्रकार का शुल्क या प्रीमियम नहीं देना होता. वहीं, रैयत, गैर-रैयत और आंशिक रैयत किसान इस योजना में शामिल हैं. फसल क्षति की स्थिति में 20% तक हानि पर 7,500 रुपये प्रति हेक्टेयर (अधिकतम 2 हेक्टेयर पर 15,000 रुपये) तथा 20% से अधिक हानि पर 10,000 रुपये प्रति हेक्टेयर (अधिकतम 2 हेक्टेयर पर 20,000 रुपये) की सहायता राशि का प्रावधान है.
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