Ujjain Land Pooling: किसानों के विरोध के बाद बैकफुट पर MP सरकार, सिंहस्‍थ के लिए नहीं होगा जमीन अध‍िग्रहण

Ujjain Land Pooling: किसानों के विरोध के बाद बैकफुट पर MP सरकार, सिंहस्‍थ के लिए नहीं होगा जमीन अध‍िग्रहण

Ujjain Land Pooling: मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के विरोध के बाद उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में लागू भूमि पूलिंग योजना वापस ले ली. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जनप्रतिनिधियों व किसान संगठनों से चर्चा के बाद फैसला लिया. किसानों ने जमीन अधिग्रहण पर आपत्ति जताई थी और आंदोलन की चेतावनी दी थी.

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Ujjain Land Pooling: किसानों के विरोध के बाद बैकफुट पर MP सरकार, सिंहस्‍थ के लिए नहीं होगा जमीन अध‍िग्रहणकिसानों के साथ मध्‍य प्रदेश सीएम मोहन यादव (फोटो- X@CMMadhyaPradesh)

मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ (कुंभ) क्षेत्र में लागू की गई लैंड पूलिंग योजना को वापस लेने का फैसला किया है. यह निर्णय लगातार विरोध जता रहे किसानों की चिंताओं और उनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों, भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों, उज्जैन क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के साथ विस्तृत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया. मुख्यमंत्री निवास पर देर शाम आयोजित बैठक में सभी पक्षों ने अपनी-अपनी राय रखी और आखिरकार लैंड पूलिंग नीति को रद्द करने पर सहमति बनी.

किसानों ने दी थी आंदोलन की चेतावनी

दरअसल, किसानों का आरोप था कि सरकार सिंहस्थ क्षेत्र में स्थायी और वाणिज्यिक संरचनाओं के निर्माण के नाम पर उनकी जमीन छीन रही है. लैंड पूलिंग नीति के तहत बिना उचित संवाद और सहमति के जमीन अधिग्रहित की जा रही थी. किसानों ने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार समयसीमा में स्पष्ट निर्णय नहीं लेती तो हजारों किसान 18 नवंबर से उज्जैन में डेरा डालकर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेंगे.

सीएम ने सभी पक्षों के साथ की बातचीत

वहीं, स्थिति को गंभीर होते देख मुख्यमंत्री ने सभी पक्षों को साथ बैठाकर बातचीत की. बैठक में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. वार्ता के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ को दिव्य, भव्य और विश्वस्तरीय रूप देने के प्रयास किए जाएंगे, लेकिन इसके साथ ही साधु-संतों और किसानों के हितों की पूरी रक्षा की जाएगी.

भारतीय किसान संघ ने जताया आभार

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह निर्णय किसानों के सम्मान और उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले वर्षों में पूरी दुनिया सिंहस्थ की विशिष्टता और उसकी भव्यता की साक्षी बनेगी. भारतीय किसान संघ ने लैंड पूलिंग योजना वापस लेने के सरकारी निर्णय का स्वागत किया और मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया.

गौरतलब है कि सिंहस्थ (कुंभ) हर 12 वर्ष में उज्जैन में आयोजित होता है और इसमें देश-दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं. अब तक की परंपरा के अनुसार, आयोजन के लिए किसानों की जमीन 5-6 महीनों के लिए अस्थायी रूप से ली जाती थी, लेकिन आगामी सिंहस्थ 2028 को देखते हुए सरकार ने स्थायी निर्माण के उद्देश्य से लैंड पूलिंग नीति लागू कर जमीन अध‍िग्रहण करने की कोशिश की थी. हालांकि, किसानों के विरोध बाद उनके बातचीत कर मोहन सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया. (पीटीआई)

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