
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन को कल यानी 12 फरवरी को एक साल पूरे हो जाएंगे. वहीं, इन दोनों की 14 फरवरी को केंद्र सरकार के साथ चंडीगढ़ में एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 12 मांगों को लेकर बैठक हाेनी है. इससे पहले इन मोर्चों ने आज से 13 फरवरी तक तीन अलग-अलग जगहों पर महापंचायत का आह्वान किया है, ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके.
वहीं, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), जो इस आंदोलन का हिस्सा नहीं है, उसने भी आज आगरा में किसान महापंचायत बुलाई है. किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों से बड़ी संख्या में इसमें शामिल होने की अपील की है. ऐसे में आज एक ही तारीख पर एक बार फिर किसान महापंचायत की तारीखें आपस में टकरा गई हैं.
मालूम हो कि इससे पहले भी 4 जनवरी को खनौरी मोर्चे पर आंदोलनकारी मोर्चों ने महापंचायत बुलाई थी, लेकिन उसी समय हरियाणा के टोहाना में संयुक्त किसान मोर्चा ने भी महापंचायत बुलाई थी. उस समय किसान संगठनों ने गलत संदेश न जाए इसलिए दोनों पक्षों ने एक-दूसरे से डिमांड की थी कि वह महापंचायत की तारीख बदल लें. लेकिन, कोई नहीं माना और दोनों जगह एक ही दिन किसान जुटे. अब इस बार जब आंदोलनकारी संगठनों ने राजस्थान के रतनपुरा में किसानों का जुटान करने की तैयारी की है तो राकेश टिकैत ने आगरा में महापंचायत बुला दी है, जिससे कई किसान यहां डाइवर्ट हो जाएंगे.
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किसान आंदोलन का बड़ा चेहरा जगजीत सिंह डल्लेवाल रतनपुरा में होने वाली महापंचायत में वर्चुअली जुड़कर किसानों को संदेश देंगे. उन्हाेंने खुद इससे जुड़ने का फैसला किया है, ताकि बड़ी संख्या में किसान वहां पहुंचे और आयोजन का सफल बनाएं. इसके बाद कल खनौरी बॉर्डर पर महापंचायत होगी, जहां पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में अन्नदाता शामिल होंगे. यहां डल्लेवाल तय कर सकते हैं कि वह 14 फरवरी की मीटिंग में शामिल होंगे या नहीं.
डल्लेवाल ने स्वास्थ्य कारणों से अभी तक इस पर फैसला टाले रखा है. वहीं, 7 दिनों तक हाथों की नसें ब्लॉक रहने की वजह से डल्लेवाल को ड्रिप नहीं लग पा रही थी, जिससे उन्हें मेडिकल सहायता नहीं मिल सकी. इसके बाद सोमवार को 8वें दिन उन्हें मेडिकल सहायता मिल सकी. वहीं केंद्र सरकार के साथ बैठक से एक दिन पहले 13 फरवरी को पंजाब में शंभू बॉर्डर पर किसान महापंचायत है. शंभू बॉर्डर पर मुख्य रूप से किसान मजदूर मोर्चा आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है, जिसके नेता सरवन सिंह पंढेर हैं.
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