पंजाब में एक ओर जहां किसान संगठन धान की धीमी खरीद, उठान और खाद-डीएपी की कमी को लेकर विरोध जता रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर अब पॉलिटिकल पार्टी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने भी धान और डीएपी के मुद्दे को लेकर बयान जारी किया है कि वह 5 नवंबर को हर जिले में विरोध प्रदर्शन करेगा. शिरोमणि अकाली दल ने बयान जारी कर कहा है कि पंजाब में धान की खरीद न होने से राज्य के किसानों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है.
शिअद ने कहा कि पूरे प्रदेश से किसान अपना माल बेचने के लिए लगातार 15-20 दिनों से मंडियों में बैठे हैं, लेकिन न तो खरीद हो रही है और न ही उठान की व्यवस्था ठीक से हो रही है. इन अव्यवस्थाओं का खामियाजा मेहनतकश किसानों को भुगतना पड़ रहा है. दूसरी ओर डीएपी खाद की भारी कमी के कारण डीएपी खाद की कालाबाजारी हो रही है, लेकिन राज्य की आम आदमी पार्टी की सरकार हर लेवल पर बुरी तरह फेल साबित हो रही है.
To force the Punjab government to immediately solve the paddy procurement crisis & and on another important issue of massive shortage of DAP the Shiromani Akali Dal has decided to hold protest demonstrations in all the assembly constituencies of Punjab on November 5 at 11 AM.… pic.twitter.com/G66B5bxvoM
— Dr Daljit S Cheema (@drcheemasad) November 2, 2024
शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने पार्टी के सभी कार्यकर्ता 5 नवंबर को सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने और सरकार को नींद से जगाने का काम करेंगे. पार्टी की कोर कमेटी के सदस्य डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने आज पार्टी मुख्यालय से इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 5 नवंबर को सुबह 11 बजे हर जिले से कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इकट्ठे होकर अपने क्षेत्र में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे.
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बता दें कि राज्य में धान की धीमी खरीद और डीएपी की कमी के अलावा किसान और कई किसान सगंठन धान की पराली जलाने पर सरकार की ओर से की जाने वाली कार्रवाई का भी विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि किसानों के लिए पराली जलाना उनकी मजबूरी है. वे शौक से पराली नहीं जला रहे हैं. दिल्ली के प्रदूषण के लिए पूरी तरह किसानों को कसूरवार ठहराना सही नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट से पराली जलाने पर बैन लगाए जाने के बाद सरकार को नियमों के उल्लंघन करने वाले किसानों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. यही वजह है कि राज्य सरकार ऐसे किसानों पर जुर्माना, एफआईआर, फसल बेचने की प्रतिबंधात्मक जैसे एक्शन लेती है. हाल ही में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश न लगा पाने पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. वहीं सर्वाेच्च अदालत ने केंद्र सरकार से भी पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माने की राशि बढ़ाने पर विचार करने के लिए कहा है.
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