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किसान आंदोलन पर बोले राकेश टिकैत, हम पीछे नहीं हैं लेकिन अब कई संगठन बन गए हैं

किसान आंदोलन पर बोले राकेश टिकैत, हम पीछे नहीं हैं लेकिन अब कई संगठन बन गए हैं

राकेश टिकैत ने किसान संगठनों के बंट जाने पर कहा कि संगठन बंट जाते हैं क्योंकि कुछ पंजाब के संगठन syl की बात करते हैं जो हमारा मुद्दा नहीं है. ऐसे मुद्दों को उठाने से विवाद होता है. साथ ही पंजाब बनाम हरियाणा, सिख बनाम नॉनसिख का मुद्दा भी बन जाता है. संयुक्त किसान मोर्चा अभी इस आंदोलन से दूर है.

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राकेश टिकैत किसान नेता राकेश टिकैत किसान नेता

एमएसपी गारंटी कानून की मांग को लेकर किसान कई जगह आंदोलन कर रहे हैं. किसान दिल्ली कूच की फिराक में हैं जिसके खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई जारी है. इधर सरकार किसानों से बातचीत करना चाहती है और यह गुरुवार शाम चंडीगढ़ में होने वाली है. इसमें कुछ समाधान निकलने की उम्मीद है. आपको बता दें किसान आंदोलन का आज तीसरा दिन है और किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. कुछ किसान समूह एमएसपी के लिए कानून बनाने की भी मांग कर रहे हैं. इस बीच किसान आंदोलन के बदले रुख पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा हम पीछे नहीं हैं लेकिन अब कई संगठन बन गए हैं. टिकैत कहते हैं, ऐसा नहीं है कि इस बार हम पीछे हैं. पंजाब जब इकट्ठा होता है तो पूरे देश को जोड़ लेता है, लेकिन पंजाब में कई सारे संगठन बन गए हैं. 

16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान

दूसरी ओर, संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है और एक अन्य संगठन ने दिल्ली जाने का आह्वान किया है. ऐसे में दो मत एक आंदोलन में होता दिखाई दे रहा है. लेकिन राकेश टिकैत ने कहा कि हम सभी के लिए मुद्दे वही हैं. ना हम किसानों से दूर हैं और ना हमारे लिए दिल्ली दूर है, इसलिए सरकार बातचीत से समाधान निकाले.

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यह एसकेएम का आंदोलन नहीं- टिकैत

राकेश टिकैत ने किसान संगठनों के बंट जाने पर कहा कि संगठन बंट जाते हैं क्योंकि कुछ पंजाब के संगठन syl की बात करते हैं जो हमारा मुद्दा नहीं है. ऐसे मुद्दों को उठाने से विवाद होता है. साथ ही पंजाब बनाम हरियाणा सिख बनाम नॉनसिख का मुद्दा बन जाता है. संयुक्त किसान मोर्चा अभी इस आंदोलन से दूर है. राकेश टिकैत ने कहा, यह एसकेएम का आंदोलन नहीं है और हमारे भारत बंद का कॉल कल का है.

आंदोलन और मूवमेंट हीं है हमारी गारंटी

जयंत चौधरी के मामले में राकेश टिकैत ने कहा कि उनके जाने से किसान कोई कमजोर नहीं होगा क्योंकि किसान सभी पॉलिटिकल पार्टियों को वोट देता है. लेकिन जब आंदोलन होता है तो वे हमारे साथ हो जाते हैं. इसलिए हमें आंदोलन वाला किसान चाहिए और हम वोट वाले झंझट से दूर रहना चाहते हैं. किसान की वोट की विचारधारा अलग है और आंदोलन की विचारधारा अलग है. राकेश टिकैत ने कहा है कि हम नॉन पॉलिटिकल हैं और हम ऐसे ही रहेंगे, ना हमें चुनाव लड़ना है और ना ही किसी के चुनाव प्रचार में जाना है. हम आंदोलन और मूवमेंट की बात कर रहे हैं और यह हमारी गारंटी है.

MSP गारंटी कानून से बढ़ेगी महंगाई!

टिकैत ने कहा कि ये बात पिछले 3 दिनों से चल रही है और कल भी कुछ अर्थशास्त्री बैठे थे कि इससे सरकार को नुकसान होगा. सरकार को जितना उपभोग करना है उतना खरीदना चाहिए, लेकिन सरकार यह कहकर व्यापारियों को गुमराह कर रही है कि 10 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और महंगाई बढ़ेगी.

पूंजीपतियों की है ये सरकार

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि व्यापारी जो मुनाफा कमाने की कोशिश कर रहा है हम उसे नहीं होने देंगे. वर्तमान सरकार पूंजीपतियों का एक गिरोह है जिसने देश पर कब्ज़ा कर लिया और एक राजनीतिक पार्टी बना ली और अब कानूनी रूप से कब्ज़ा करना चाहते हैं. लेकिन ऐसा हम होने नहीं देंगे. 

आंदोलन का मतलब नहीं है कि हम वहीं पर जाकर के आंदोलन में शामिल होंगे. कल हमारा भारत बंद है और शनिवार को हम सिसौली में मीटिंग करेंगे. तो दो दिनों का वक्त सरकार के पास है और हम 17 तारीख को इस बारे में बात करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा से भी कहा है कि वह अपने स्तर पर बात करे.

सिसौली में मासिक पंचायत में होगी बात

टिकैत ने कहा, हमने सरकार से कहा है कि जो लोग आंदोलन चला रहे हैं उनसे बात करके समाधान निकालें और हम लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि कल भारत बंद का समर्थन करें. साथ ही 17 तारीख को सिसौली में मासिक पंचायत में हमारे साथ शामिल हों. उसमें हम आगे की रणनीति पर बात करेंगे.

हमारे मन में क्या है अभी नहीं बताएंगे

सरकार को आगाह करते हुए राकेश टिकैत ने कहा न ग़ाज़ीपुर दूर है, न दिल्ली दूर है, न किसान दूर है और जो भी चर्चा होगी. हम अलग-अलग राज्यों के नेताओं के साथ मिलकर कुछ फैसले लेंगे.