
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में काउंसिल ऑफ़ लॉयर्स के चेयरमैन एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन खत्म करवाने की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर (PIL) की है. शांडिल्य ने याचिका में मांग की है कि सरकार जगजीत सिंह डल्लेवाल की जान बचाने के लिए तुरंत कदम उठाए और उन्हें आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए. वहीं, डल्लेवाल के गिरते वजन और स्वास्थ्य को लेकर हरियाणा प्रशासन भी चिंता में आ गया है और पंजाब के संगरूर में डीसी को पत्र लिखा है. इस पत्र में किसानों के दिल्ली मार्च को लेकर कानूनी व्यवस्था के संदर्भ में भी अपील की है.
वासु रंजन शांडिल्य ने कानून व्यवस्था की स्थिति को सुरक्षित रखने के लिए डल्लेवाल को तत्काल सहायता देने की मांग की है. शांडिल्य ने याचिका में तर्क दिया है कि डल्लेवाल का स्वास्थ्य खराब होने से अशांति फैल सकती है. उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला दिया है. वहीं, डल्लेवाल की नाजुक हालत को देखते मामले की सुनवाई जल्द करने की मांग करेंगे.
इधर, किसान नेता डल्लेवाल के गिरते स्वास्थ्य को लेकर हरियाणा प्रशासन भी हरकत में आ गया है. उपायुक्त अंबाला ने उपायुक्त संगरूर (पंजाब) को पत्र लिखा है. उपायुक्त अंबाला ने पत्र में जगजीत सिंह डल्लेवाल को उचित मेडिकल सहायता देने का अनुरोध किया है. अंबाला उपायुक्त का पत्र डल्लेवाल के लगातार गिरते स्वास्थ्य और कम होते वजन के बाद सामने आया है.बता दें कि किसानों ने 14 दिसंबर के दिन दिल्ली कूच करने की बात कही है. इस कड़ी में उपायुक्त ने अंतरराज्यीय सीमा और अंबाला में क़ानून व्यवस्था के बनाए रखने के लिए पत्र लिखा है.
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पत्र में आगे लिखा है कि अपनी मांगों को लेकर जगजीत सिंह दल्लेवाल (संयुक्त किसान मोर्चा) खनौरी बार्डर पर 26 नवंबर, 2024 से आमरण अनशन पर बैठे हैं. किसान नेताओं की प्रेस क्रॉन्फ्रेंस के माध्यम से पता चला है कि उनका वजन काफी कम हो गया है और स्वास्थ्य में गिरावट आई है. इसी को देखते हुए उचित चिकित्सा सुविधा तुरन्त प्रभाव से उपलब्ध करवाई जाए और सभी आवश्यक कार्रवाई करें, ताकि शम्भू बॉर्डर, अंबाला में चल रहे किसान आंदोलन पर इसका कोई दुष्प्रभाव न पड़े और जिला अंबाला में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनी रहे.
इससे पहले गुरुवार को डल्लेवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को खून से हस्ताक्षरित खुली चिट्ठी लिखी. इसमें उन्होंने कहा कि आपको प्रशासन की ओर से मेरे स्वास्थ्य की जानकारी मिली गई होगी. मैं यहां पिछले 17 दिनों से किसानों की मांगों और पूर्व में सरकारों की ओर से किए गए वादों को पूरा करने को लेकर, जिसमें नए फॉर्मूले से एमएसपी की कानूनी गारंटी शाामिल है, को लेकर अनशन कर रहा हूं. अब आपको यह तय करना है कि आप एमएसपी की गारंटी का कानून लाएंगे या मांग को लेकर में अनशन कर प्राण त्याग दूंगा. किसान नेता ने पत्र में कहा है कि अगर मेरी मौत होती है तो इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी.
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