हैंडलूम यानी हथकरघा में महिला कारीगरों ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है. पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में हरियाणा के उन्नति स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं 250 से अधिक महिलाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन महिलाओं के बनाए बेड कवर, दुपट्टे और साड़ियों की बाजार में खूब मांग है. उन्होंने कहा कि हथकरघा उद्योग से जुड़ी ये महिलाएं पहले छोटी-छोटी दुकानें और छोटे-मोटे काम कर गुजारा करती थीं, आज इनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और इनके जीवन में नए रंग भर गए हैं.
मन की बात कार्यक्रम के 112वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हथकरघा, खादी के उत्पादों के इस्तेमाल में बढ़ोत्तरी पर खुशी जताई. पीएम मोदी ने कहा कि असम के चराईदेउ मैदाम का नाम अब आप बार-बार सुनेंगे, क्योंकि इसे UNESCO World Heritage Site में शामिल किया जा रहा है. इस लिस्ट में यह भारत की 43वीं, लेकिन Northeast की पहली साइट होगी. उन्होंने कहा कि चराईदेउ का मतलब है shining city on the hills, यानी पहाड़ी पर एक चमकता शहर. ये अहोम राजवंश की पहली राजधानी थी. अहोम राजवंश के लोग अपने पूर्वजों के शव और उनकी कीमती चीजों को पारंपरिक रूप से मैदाम में रखते थे. मैदाम टीले नुमा एक ढांचा होता है, जो ऊपर मिट्टी से ढका होता है, और नीचे एक या उससे ज्यादा कमरे होते हैं.
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में उन्नति स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हरियाणा के रोहतक की 250 से ज्यादा महिलाओं का जिक्र किया है. पीएम ने कहा कि हथकरघा उद्योग से जुड़ी ये महिलाएं पहले छोटी-छोटी दुकानें और छोटे-मोटे काम कर गुजारा करती थीं. लेकिन हर किसी में आगे बढ़ने की इच्छा तो होती ही होती है. इसलिए इन्होंने ‘UNNATI Self Help Group’ से जुड़ने का फैसला किया और इस ग्रुप से जुड़कर, उन्होंने ब्लॉक प्रिंटिंग और रंगाई में ट्रेनिंग हासिल की. कपड़ों पर रंगों का जादू बिखेरने वाली ये महिलाएं आज लाखों रुपए कमा रही हैं. इनके बनाए बेड कवर, साड़ियां और दुपट्टों की बाजार में भारी मांग है.
उन्होंने कहा कि रोहतक की इन महिलाओं की तरह देश के अलग-अलग हिस्सों में कारीगर, हथकरघा को लोकप्रिय बनाने में जुटी हैं. चाहे ओडिशा की ‘संबलपुरी साड़ी’ हो, MP की ‘माहेश्वरी साड़ी’ हो, महाराष्ट्र की ‘पैठाणी’ या विदर्भ के ‘Hand block prints’ हों, चाहे हिमाचल के ‘भूट्टिको’ के शॉल और ऊनी कपड़े हों, या फिर जम्मू-कश्मीर के ‘कनि’ शॉल हों. देश के कोने-कोने में हथकरघा कारीगरों का काम छाया हुआ है. अब तो कई निजी कंपनियां भी AI के माध्यम से हथकरघा उत्पाद को बढ़ावा दे रही हैं.
पीएम ने कहा कि बहुत से लोग पहले कभी खादी के उत्पादों का उपयोग नहीं करते थे, लेकिन आज बड़े गर्व से खादी पहनते हैं. खादी ग्रामोद्योग का कारोबार पहली बार 1.50 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है. पीएम ने बताया कि खादी की बिक्री में 400 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. खादी की, हथकरघा की ये बढ़ती हुई बिक्री, बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर भी बना रही है. इस इंडस्ट्री से सबसे ज्यादा महिलाएं जुड़ी हैं, तो सबसे ज्यादा फायदा भी उन्हीं को हो रहा है. पीएम ने अपील की कि अब तक खादी के वस्त्र नहीं खरीदे हैं तो आजादी के महीने में खादी के कपड़े जरूर खरीदें.
पीएम ने कहा कि कल दुनियाभर में Tiger Day मनाया जाएगा. भारत में तो ‘बाघ’, हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है. उन्होंने कहा कि जन-भागीदारी का ऐसा ही एक प्रयास है “कुल्हाड़ी बंद पंचायत”. राजस्थान के रणथंभौर से शुरू हुआ “कुल्हाड़ी बंद पंचायत” अभियान बहुत दिलचस्प है. स्थानीय समुदायों ने स्वयं इस बात की शपथ ली है कि जंगल में कुल्हाड़ी के साथ नहीं जाएंगे और पेड़ नहीं काटेंगे. इस एक फैसले से यहां के जंगल एक बार फिर से हरे-भरे हो रहे हैं और बाघों के लिए बेहतर वातावरण तैयार हो रहा है. इसी तरह उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में चल रहा ‘बाघ मित्र कार्यक्रम’ भी चर्चा में है. इसके तहत स्थानीय लोगों को ‘बाघ मित्र’ के रूप में काम करने की ट्रेनिंग दी जाती है. ये ‘बाघ मित्र’ इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि बाघों और इंसानों के बीच टकराव की स्थिति ना बने. ऐसे प्रयासों से भारत में बाघों की आबादी बढ़ रही है. पीएम ने कहा कि दुनियाभर में जितने बाघ हैं उनमें से 70 प्रतिशत बाघ हमारे देश में हैं.
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