Karnataka Politics: 'किसान कराह रहे, नेता नाश्ते में व्यस्त', कनार्टक में CM पद की खींचतान पर बीजेपी ने बोला हमला

Karnataka Politics: 'किसान कराह रहे, नेता नाश्ते में व्यस्त', कनार्टक में CM पद की खींचतान पर बीजेपी ने बोला हमला

कर्नाटक में भाजपा नेता आर अशोक ने सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार पर आरोप लगाया कि वे आंतरिक कलह सुलझाने में व्यस्त हैं जबकि किसान, गड्ढों और खरीद संबंधी समस्याएं अनदेखी हो रही हैं. उन्होंने कहा कि नाश्ते की बैठकों से जनता के मुद्दे हल नहीं हो रहे.

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'किसान कराह रहे, नेता नाश्ते में व्यस्त', कनार्टक में CM पद की खींचतान पर बीजेपी ने बोला हमलामुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच आज नाश्ते पर अहम चर्चा हुई. (Photo: ITG)

कर्नाटक की राजनीति में बढ़ती खींचतान पर भाजपा नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर तीखा हमला किया. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेतृत्व आंतरिक सत्ता संघर्ष निपटाने के लिए तो नाश्ते की बैठकों में व्यस्त है, लेकिन किसानों की समस्याएं और राज्यभर की खतरनाक गड्ढामुक्त सड़कों जैसे गंभीर मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. आर अशोक ने कहा कि मौजूदा सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, किसानों, उद्यमियों, श्रमिकों और दलितों का भरोसा खो चुकी है. 

धार्मिक भावनाएं आहत करने का भी लगाया आरोप

उन्‍होंने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में विकास की बजाय सत्ता को लेकर खींचतान ही प्रमुख एजेंडा बन गया है. सिद्धारमैया और शिवकुमार ने मंगलवार को “एकजुटता” का संदेश देने के लिए बेंगलुरु में नाश्ता साझा किया था. सूत्रों के अनुसार, मेन्यू में ‘नटी कोली सारू’ (देशी चिकन करी) और गरमा-गरम इड्लियां परोसी गईं. इसी पर निशाना साधते हुए अशोक ने कहा कि हनुमा जयंती के दिन मुख्यमंत्री द्वारा ‘नटी कोली’ खाने से भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं.

बीजेपी नेता ने पु‍राने वि‍वाद का भी किया जिक्र

उन्होंने पुराना विवाद भी दोहराया, जिसमें सिद्धारमैया पर कथ‍ित तौर पर मांसाहार कर धर्मस्थल मंदिर जाने को लेकर सवाल उठे थे. भाजपा नेता ने तंज कसा कि सिद्धारमैया और शिवकुमार के घरों में होने वाले इन नाश्तों के पीछे सोनिया गांधी, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल की “स्क्रिप्ट” काम कर रही है.

गन्‍ना और मक्‍का किसानों का उठाया मुद्दा

साथ ही उन्होंने दावा किया कि पिछले दस महीनों में गड्ढों से जुड़े हादसों में 580 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और अगर सरकार अधिकारियों के साथ बैठकें करती तो कई जिंदगियां बच सकती थीं. अशोक ने कहा कि गन्ना किसानों के लिए समर्थन मूल्य निर्धारण से लेकर मक्का खरीद केंद्रों की अव्यवस्था तक कई अहम मुद्दे लंबित पड़े हैं, लेकिन इन पर कोई ‘ब्रेकफास्ट मीटिंग’ नहीं बुलाई गई है. (पीटीआई)
 

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