राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत किसानों की ड्रिप सिंचाई प्रणाली की करीब 2 करोड़ रुपये सब्सिडी बकाया है. 2 साल से किसान इसकी राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं. लेकिन, सुनवाई नहीं होने से भड़के किसानों ने बीड जिले में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और चेतावनी दी है कि अगर 8 दिनों के भीतर सब्सिडी का पैसा किसानों को नहीं दिया गया तो 15 अगस्त को राज्य के कृषि मंत्री का रास्ता रोककर घेराव किया जाएगा. किसान नेताओं ने बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
शेतकारी क्रांति मोर्चा के नेतृत्व में महाराष्ट्र के बीड जिले के 8 हजार किसान सड़क पर उतर आए. किसानों का पिछले दो वर्षों से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत ड्रिप सिंचाई प्रणाली का करीब 25 करोड़ रुपये बकाया है. किसान इस पैसे की मांग कर रहे हैं. शेतकारी क्रांति मोर्चा संगठन के संस्थापक अध्यक्ष कुलदीप करपे ने शुक्रवार 9 अगस्त 2024 (क्रांति दीनी) बीड में कलेक्टर कार्यालय पर विरोध मार्च निकालकर चेतावनी दी कि लाभार्थी किसानों की सब्सिडी 8 दिनों के भीतर वितरित की जाए, नहीं तो स्वतंत्रता दिवस पर कृषि मंत्री धनंजय मुंडे को रोक दिया जाएगा.
बीड जिले के किसानों ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत वर्ष 2022-2023 और 2023-2024 में अपने खेतों में ड्रिप सिंचाई और ठंढ सिंचाई प्रणाली स्थापित की थी. छोटी भूमि वाले किसानों के लिए 80 फीसदी और बड़ी भूमि वाले किसानों के लिए 75 फीसदी सब्सिडी राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित की गई है. लेकिन, पिछले दो वर्षों से बीड जिले के लगभग 8 हजार किसानों की ड्रिप और फ्रॉस्ट सिंचाई सब्सिडी के लगभग 25 करोड़ रुपये अभी तक किसानों के बैंक खातों में नहीं मिले हैं.
बताया गया कि किसानों के बार-बार अनुरोध के बावजूद सरकार ने सब्सिडी का वितरण नहीं किया है, जिससे किसान कर्जदार हो गये हैं. हालांकि इनमें से कई योग्य किसानों ने आत्महत्या कर ली है, फिर भी सरकार इसे गंभीरता से नहीं लेती है.
इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने और ड्रिप और मिस्ट सिंचाई के लिए बकाया करोड़ों रुपये की सब्सिडी को बिना किसी देरी के तुरंत किसानों के खातों में पहुंचाने और ड्रिप और मिस्ट सिंचाई से लाभान्वित करने के लिए पूर्व स्वीकृति देने की मुख्य मांग की. चालू वर्ष 2024-2025 में शेतकारी क्रांति मोर्चा, महाराष्ट्र के सामाजिक संगठन की ओर से आक्रोश मार्च का आयोजन किया गया था. इस बार इस मार्च में सैकड़ों किसान शामिल हुए.
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