किसान संगठन एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए मासिक पेंशन देने के साथ ही कर्ज माफी और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने समेत कुछ अन्य मांगों को लेकर किसान आंदोलित हैं. इन मांगों को पूरा कराने के लिए यूपी, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान 13 फरवरी को दिल्ली कूच कर रहे हैं. खुफिया अलर्ट है कि किसान पीएम आवास, गृह मंत्री आवास और कृषि मंत्री के आवास का घेराव भी कर सकते हैं.
किसानों के दिल्ली मार्च को लेकर एक खुफिया रिपोर्ट मिल रही है इसके अनुसार आंदोलन में 15-20 हजार किसान दो से ढाई हजार ट्रैक्टर में सवार होकर एक साथ आ सकते हैं. इस तरह के आंदोलन के लिए किसान ट्रैक्टरों से कई रिहर्सल कर चुके हैं. अब तक ऐसी 40 रिहर्सल और मार्च (हरियाणा में 10 और पंजाब में 30) हो चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा पंजाब के गुरुदासपुर में 15 हुए हैं.
खुफिया अलर्ट है कि आंदोलन में शामिल होने के लिए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, केरल और कर्नाटक से किसान आयेंगे. अब तक इस आंदोलन को लेकर किसान संगठन 100 से ज्यादा मीटिंग कर चुके हैं.
खुफिया जानकारी यह मिली है कि असमाजिक तत्व इस आंदोलन में शामिल होकर कानून व्यवस्था खराब कर सकते हैं. इशलिए सुरक्षा व्यवस्था पर खासा ध्यान दिया जा रहा है. विरोध में शामिल होने के लिए किसान कारों,बाइक ,मेट्रो,रेल या बस से आ सकते हैं. इसके अलावा कुछ किसान गुपचुप तरीके से पहले आकर पीएम, गृहमंत्री, कृषि मंत्री और बीजेपी के बड़े नेताओं के घर के बाहर इकठ्ठा हो सकते हैं.
दिल्ली में घुसने के लिए किसान बच्चों और महिलाओं को आगे कर सकते है. अलर्ट के मुताबिक किसान हरियाणा और पंजाब से अपने साथ राशन लेकर आ सकते हैं. क्योंकि किसानों का प्लान लंबे समय तक धरना प्रदर्शन करके का है.इसे देखते हुए पुलिस ने कहा है कि अफवाह ना फैलाई जाए और सोशल मीडिय़ा पर निगरानी रखने की जरूरत है. साथ ही दिल्ली के अंदर और दिल्ली के बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा की जरूरत है.(आशुतोष मिश्रा)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today